अहंकार से होता हे बुद्धि और ज्ञान का हरण : शास्त्री

– नयागांव में आयोजित हो रही हे श्रीमद भागवत कथा

भिण्ड, 22 मई। व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बडा शत्रु है। नयागांव स्थित राम जानकी मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिवस पर आचार्य पं. सत्यम दुबे शास्त्री ने यह बात कही। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
कथा व्यास आचार्य सत्यम दुबे शास्त्री ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पडा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। कथा को रसपान करने लिए भारी संख्या में ग्रामीण जन व श्रद्धालु पहुंचे इसके साथ ही श्रीमद भागवत कथा में कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह के पुत्र भारत चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठगण पहुंचे।