ग्राम बरथरा में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
भिण्ड, 20 फरवरी। दबोह के समीप ग्राम बरथरा में समस्त धर्म प्रेमियों एवं ग्राम वासियों के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जो 27 फरवरी सोमवार तक चलेगा। जिसका रविवार को श्री गणेश पूजन कर विशाल कलश यात्रा निकाली गई।
कथा पहले दिन सोमवार को कथा व्यास पं. जीतू उपाध्याय ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भगवान का साक्षात स्वरूप जब पुण्यों का उदय होता है, ईश्वर एवम पूर्वजों का अनुग्रह मिलता है, तब मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण का लाभ मिलता है। धन, ऐश्वर्य, मान-सम्मान सब क्षणिक वस्तुएं हैं, यदि आपके जीवन में सही सत्संग है तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से जन्मों जन्मों के पाप क्षीण हो जाते हैं और मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है। श्रीमद् भागवत कथा भगवान का साक्षात स्वरूप है। श्रीमद् भागवत कथा के अनुष्ठान का बहुत पुण्य लाभ मिलता है। इस कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य दुखों से दूर होता हैं।
कथा व्यास जीतू उपाध्याय ने अंत में कलयुग में भागवत भागवान की महिमा व संकीर्तन के महत्व का उल्लेख किया, इसके उपरांत भागवत भक्त गोकर्ण व उसके भाई अधर्मी धुंधकारी के प्रसंग पर व्याख्यान दिया। धुंधकारी के गलत कार्यों में संलिप्त होने के कारण उसकी हत्या हो गई और अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई, जिसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इससे स्पष्ट होता है कि कर्म, धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है। कथा में पारीक्षत जानकी देवी-ब्रजमोहन सिंह कौरव को सौभाग्य प्राप्त हुआ है।