बाढ़ राहत कार्यों के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को सौंपे दायित्व

भिण्ड, 08 अगस्त। भिण्ड जिला अंतर्गत विगत तीन-चार दिनों से लगातार हो रही अतिवर्षा के कारण चंबल एवं सिंध नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाने से भिण्ड जिले की अलग-अलग तहसीलों के ग्राम बाढ़ से घिर गए हैं जिसमें प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने का कार्य पुलिस प्रषासन, होमगार्ड, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं सेना की मदद से किया जा रहा है। जिला अंतर्गत बाढ़ की स्थिति आने वाले कुछ दिनों में भी बने रहने की संभावना है, इसिलए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य सुचारू रूप से संचालन, राहत कैम्पों के व्यवस्थित रूप से क्रियान्वयन एवं आमजन जीवन के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस द्वारा जनजीवन सामान्य किए जाने हेतु अधिकारियों को कार्य सौंपा गया है।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड को आवश्यकता अनुसार समय समय पर वर्षाकाल में होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु दल गठित कर राहत कैंपों एवं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में दवा वितरण करवाना। स्वास्थ्य जांच कराना, पीने की पानी की दवा का वितरण तथा बीमारियों की रोकथाम हेतु समुचित कार्यवाही करना एवं इस हेतु अधीनस्थ अमले को लगातार क्षेत्र में भ्रमण करने हेतु निर्देशित करना। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं भिण्ड को अतिवृष्टि एवं बाढ़ के कारण पशुओं में होने वाली बीमारियों से संबंधित दवाएं संकलित कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल गठित कर वितरण कराना। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रौन, भिण्ड, अटेर लहार को जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के कारण प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई, ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव करेंगे तथा राहत कैम्पों में स्व-सहायता समूहो के माध्यम से खाने एवं स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था किया जाना है। कार्यपालन यंत्री पीएचई भिण्ड को जिले में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के कारण प्रभावित ग्रामों एवं राहत कैपों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करना सुनिश्चित करने एवं हैण्डपंपों को चैक कर ब्लीचिंग पाउडर डलवाए जाने संबंधी कार्य सौंपा है।
कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग भिण्ड, ईई पीडब्ल्यूडी, ईई एमपीआरडीसी एवं ईई जीएम पीएमजीवाय को जिले में बाढ़ से खराब हुई सड़कों की मरम्मत पुल पुलियों की मरम्मत कराना तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जान-माल की सुरक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में बैरिकेटिंग करना, अधीक्षण यंत्री बिजली कंपनी भिण्ड को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत पोल, विद्युत लाईन ट्रांसफार्मर आदि के संबंध में जांच कर प्रभावित हुई विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित कराना तथा रेक्स्यू के दौरान भी विद्युत प्रभाव किए जाने की कार्यवाही करना, जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों एवं राहत कैम्पों में बचाव दल यथा सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ आदि के ठहरने, खाने पीने आदि की समुचित व्यवस्था करना तथा राहत कैम्पों में संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर आवष्यक व्यवस्था कराया जाना तथा स्थिति सामान्य हो जाने के उपरांत बाढ़ से हुई क्षति यथा पशु हानि, जनहानि मकान गिर जाना आदि के संबंध में निरीक्षण कराया जाकर क्षति पत्रक तैयार कर तत्काल प्रस्तुत करना है। उपरोक्त अधिकारी आवश्यकता अनुसार कार्य में सहयोग हेतु अपने अधीनस्थों की ड्यूटी लगाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।