महकी धरती आई पावस हरियाली को लाई पावस : निराला

अखिल भारतीय साहित्य परिषद मिहोना इकाई ने मनाई राष्ट्रकवि की जयंती

मिहोना, 03 अगस्त। अखिल भारतीय साहित्य परिषद तहसील मिहोना इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती के अवसर पर वरिष्ठ कवि मुन्नालाल गुप्ता के निवास पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नप अध्यक्ष मिहोना संतोष बोहरे दादा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष हरीबाबू निराला एवं संचालन तहसील संयोजक सत्येन्द्र सिंह चौहान ने किया।


सर्वप्रथम सरस्वती वंदना के बाद कवि हरीविलास प्रजापति ने तरन्नुम में गजल पढ़ी। देखिए इनकी चंद लाइनें- जिनके कांधे पर तुम पढ़ लिखकर बने हुए आज तुमने उनकी कैसी दुर्दशा बनाई है। इसके बाद कवि मुन्नालाल गुप्ता ने अपनी रचना कुछ यूं पढ़ी- गुप्ता जी तुम गुप्त नहीं सारे समाज के दर्पण थे, तुम कभी काव्य रचयिता थे जीवन साहित्य समर्पण थे। इनके बाद कवि हरिशंकर गुप्ता व सत्येन्द्र सिंह चौहान ने भी अपनी-अपनी बेजोड़ रचनाएं पढ़ीं। अंत में साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष निराला ने काव्य पाठ करते हुए सभी को गुदगुदाया, फिर पावस ऋतु पर गीत पढ़ते हुए कहा कि महकी धरती आई पावस हरियाली को लाई पावस सबके मन को भाए पावस, खुशहाली को भर्ती पावस।
मुख्य अतिथि संतोष बोहरे दादा ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि हम सभी को आदर्शों पर चलना चाहिए, तभी उनके प्रति सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का एवं कवियों का स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर प्रशांत गुप्ता, मनोज गुप्ता, आशीष गुप्ता आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रकट कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ कवि मुन्नालाल गुप्ता ने किया।