धर्म की स्थापना एवं रक्षा के लिए होता है भगवान का अवतार : शास्त्री

भिण्ड, 02 जून। गोरमी क्षेत्र के ग्राम दले का पुरा में चल रही श्रीमद् भगवत कथा के तीसरे दिन भागवताचार्य आचार्य वासुदेव शास्त्री ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, रावण जैसे आताताई का अत्याचार बढ़ता है, जब रावण संत, ब्राह्मण, पृथ्वी, गौ माता को कष्ट देता है, तब-तब भगवान मनुष्य रूप में प्रकट होते हैं और धर्म की स्थापना करते हैं। भगवान जो बाल लीलाएं करते हैं, वह भक्तों को आनंद देती हैं, संत महात्मा उन्हीं लीलाओं का चिंतन करते हुए अपनी साधना में रत रहते हैं, भगवान की परम कृपा है कि वह भारत की भूमि में ही केवल जन्म लेते हैं, इसलिए भारत की भूमि धन्य है जिस भूमि पर भगवान श्री रामभद्र का जन्म हुआ है, वह भूमि प्रत्येक हिन्दू के लिए श्रृद्धा का केन्द्र है। यहां के कण-कण में भगवान श्री रामभद्र विराजमान हैं।
इस अवसर पर दंदरौआ धाम के महंत रामदास जी ने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि गोरमी सर्किल के आस-पास इस समय भागवत कथा के माध्यम से धर्म का प्रभाव हो रहा है, ऐसे में भक्तों की धार्मिक आस्था बढ़ती है। हमारे आस-पास जहां भी भागवत कथा हो, हमें अपने परिवार सहित भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। भागवत कथा सुनने आस-पास से भीष्म गर्मी के बाबजूद हजारों भक्तजन मौजूद थे। अंत में भव्य भगवत आरती और संत भण्डारा हुआ। भागवत कथा में कथा परीक्षत रामप्रकाश बौहरे, भाजपा मण्डल अध्यक्ष सुभाष थापक, समाजसेवी श्रीकृष्ण कटारे, जयवीर पुरोहित, हरिओम कटारे, बाचाराम पाराशर, मनोज शर्मा, उज्जवल कटारे, अरविंद नरवरिया, सुरेश शर्मा, शैलू गुर्जर, राधेश्याम शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।