आज के ही दिन हमारे भारत देश के वीर सपूतों को फांसी हुई थी हम यह दिन कभी नहीं भूल सकते है : तोमर

भिण्ड, 23 मार्च। यही वो दिन है जब भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी। तीनों ने लाहौर की सेंट्रल जेल में अपनी आखिरी सांस ली। भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या की थी। भारत के तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इरविन ने इस मामले पर मुकद्दमे के लिए एक विशेष ट्राइब्यूनल का गठन किया। ट्राइब्यूनल ने तीनों को फांसी की सजा सुनाई। 24 मार्च का दिन फांसी के लिए तय हुआ। इधर देश में क्रांतिकारी आग भड़कने लगी। लोगों के गुस्से को देखते हुए अंग्रेजों ने तय समय से 11 घंटे पहले 23 मार्च को तीनों को फांसी दे दी। तीनों क्रांतिकारियों को याद करने के लिए आज के दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। यह बात एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष अंकित तोमर ने कही। इस मौके पर जिला महासचिव भोले गुर्जर, विधानसभा उपाध्यक्ष कृष्णा गुर्जर, मनीष गुर्जर, अंशु भदौरिया, अंशुल शुक्ला मौजूद रहे।