15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ
मप्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेन्द्र कुमार बने कैबिनेट मंत्री
उत्तर प्रदेश से सात, गुजरात से पांच, महाराष्ट्र से चार, मप्र से दो मंत्री बनाए गए हैं, छत्तीसगढ़ रहा खाली हाथ
नई दिल्ली, 07 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार शाम छह बजे कैबिनेट का सबसे बड़ा विस्तार किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई। नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल के अलावा मप्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेन्द्र कुमार समेत 15 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली। वहीं 28 को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। इनमें उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल और पंकज चौधरी शामिल हैं।
सिंधिया राष्ट्रपति को प्रणाम करना भूले
शपथ के दौरान एक दिलचस्प वाकया भी नजर आया। ज्योतिरादित्य सिंधयया शपथ लेने के बाद सीधे अपनी कुर्सी पर बैठ गए। जबकि, इससे पहले शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नमस्कार किया था। जब सिंधिया को याद दिलाया गया तो उन्होंने वापस जाकर कोविंद को नमस्कार किया।
ये बने कैबिनेट मंत्री
नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, वीरेन्द्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरसीपी सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति कुमार पारस, किरण रिजिजू, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेन्द्र यादव पुरुषोत्तम रूपाला, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई।
ये बने राज्य मंत्री
पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, भानुप्रताप सिंह वर्मा, दर्शना विक्रम जरदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, ए नारायण स्वामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बीएल वर्मा, अजय कुमार, देवसिंह चौहान, भगवंत खूबा, कपिल पाटिल, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भगवत कृष्ण राव कराड, राजकुमार रंजन सिंह, भारती प्रवीण पवार, विश्वेश्वर टुडू, शांतनु ठाकुर, महेन्द्र भाई मुंजापारा, जॉन बारला, एल मुरुगन और नीतीश प्रामाणिक।
12 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया
विस्तार से पहले पुराने मंत्रियों के इस्तीफे का सिलसिला भी शुरू हो गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के वक्त चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं उनके इस्तीफे की वजह बनीं। इधर, केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को ही इस्तीफा दे दिया था। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। जिन लोगों में मंत्री पद से इस्तीफा दिया है उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावर चंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार, बाबुल सुप्रियो, संजय धोत्रे, रत्तन लाल कटारिया, प्रताप चंद सारंगी और देबोश्री चौधरी आदि शामिल है।
कई राज्यमंत्री प्रमोट
कैबिनेट रीशफल में कई राज्य मंत्रियों को प्रोमोट किया जा गया है। इनमें अनुराग ठाकुर, जीके रेड्डी, मनसुख मांडवया, किरन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और पुरषोत्तम रूपाला के नाम शामिल हैं।
सियासी समीकरणों से इकोनॉमी तक पर नजर
प्रधानमंत्री मोदी का फोकस यंग टीम के साथ कोरोना महामारी और खराब होती अर्थ व्यवस्था का मैनेजमेंट बेहतर करना है। हालांकि, अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासी समीकरणों का ध्यान रखा गया है, पर इसमें टैलेंट का बैलेंस भी रखा गया है।
मोदी की यंग ब्रिगेड में 12 एससी, आठ एसटी और 27 पिछड़ा वर्ग से
माना जा रहा है कि बदलाव के बाद ये मोदी की सबसे युवा और टैलेंटेड टीम होगी। मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले मंत्रियों में 12 अनुसूचित जाति, आठ आदिवासी और 27 पिछड़े वर्ग से हैं।
कैबिनेट में महिलाओं का भी बढ़ा प्रतिनिधित्व
इस बार महिलाओं को खासा प्रतिनिधित्व दिया गया है। भाजपा आलाकमान ने इस बात का भी ख्याल रखा है कि महिलाओं में भी सभी वर्गों, क्षेत्रों और शैक्षणिक योग्यता के लोगों को मौका दिया जाए। इस कैबिनेट में लाखों की कमाई वाली महिलाएं भी हैं और खेती-बाड़ी करनेवाली भीं। जिन महिलाओं ने बुधवार को शपथ ली उनमें अनुप्रिया पटेल, शोभा करंदलाजे, दर्शना विक्रम जरदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती प्रवीण पवार शामिल हैं।
नीतीश कुमार को एक मंत्री पद से ही करना पड़ा संतोष
2019 में केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल होने में विफल रहा जेडीयू इस बार मंत्रिमंडल में शामिल हुआ है। हालांकि पार्टी बैकफुट पर है। इस बार भी जेडीयू को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ रहा। 2019 में मोदी मंत्रिमंडल में एक सीट मिलने से नाराज सीएम नीतीश कुमार ने सांकेतिक हिस्सेदारी लेने से इनकार कर दिया था। 2019 से 2021 आ गया लेकिन पीएम मोदी ने नीतीश कुमार की मांग को नहीं माना। इस बार भी जेडीयू को एक मंत्री पद से संतोष करना पड़ा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। याद करिए 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो उस वक्त जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उनके बयान को। दिल्ली से वापस लौटे सीएम नीतीश ने पटना एयरपोर्ट पर साफ कहा था कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए। तब नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे जदयू से सिर्फ एक व्यक्ति को कैबिनेट में जगह दे रहे थे। ऐसे में सरकार में जेडीयू की सांकेतिक भागीदारी होती। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बता दिया कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है। पटना एयरपोर्ट पर नीतीश कुमार ने कहा था कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है और हम दुखी नहीं हैं।
शपथ से पहले मोदी शाह ने ली क्लास
शपथ से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए बनने वाले मंत्रियों के साथ बैठक की। पीएम आवास पर हुई इस मीटिंग में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सर्बानंद सोनोवाल सभी संभावित मंत्री शामिल हुए। मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष मौजूद थे।