यूक्रेन से बापस लौटे छात्र ऋषिकेश एवं सागर शर्मा सुनाई युद्ध की दास्तां

भिण्ड, 05 मार्च। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र ऋषिकेश नरवरिया एवं सागर शर्मा यूक्रन से अपने वतन और अपने घर सकुशल लौटने में सफल रहे। उनके घर वापस लौटने से उनके माता-पिता की खुशी का ठिकाना ना रहा। उनकी सकुशल वापसी पर परिजन एवं ग्रामीणों ने मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। ऋषिकेश एवं सागर भारतीय दूतावास के अफसरों एवं भारत सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दे रहे हैं।


जिले के ग्राम मंगदपुरा निवासी ऋषिकेश ने बताया कि मैं हुजोरोईड नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन में पढ़ता हूं, 24 फरवरी की रात को यूनिवर्सिटी से मेल पर रूस के हमले का संदेश आया और सायरन बजने पर इमारत से बाहर जाने का निर्देश जारी किया गया। उन्होंने और उनके साथियों ने मेल मिलने के बाद सामान पैक कर लिया था। 24 फरवरी की रात एक बजे सायरन बजा तो वे सभी अपार्टमेंट से बाहर आ गए। उन्हें तीन घण्टे तक ठण्ड में बाहर ही खड़े रहना पड़ा। पिछले चार-पांच दिनों से यूक्रेन में रूस द्वारा किए गए आक्रमण के बाद वहां मौजूद भारतीय छात्र खुद को फंसा हुआ पा रहे थे। किसी तरह भारत पहुंचने के लिए फेसबुक, ट्विटर और सोशल अकाउंट के माध्यम से अपील कर रहे थे। इस बीच भारत सरकार द्वारा लगातार यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत वापस लाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा था। ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय युवाओं को देश और उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा यूक्रेन से लगभग छह विमानों से सैकड़ों छात्रों को भारत लाया गया।
भिण्ड के वार्ड क्र.27 पुरानी बस्ती निवासी सागर शर्मा ने बताया कि वह इवानों फ्रेकिवस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन के छात्र हैं। यूक्रेन और रूस के युद्ध में वो वहां फंस गए थे। जब उन्हें यूक्रेन छोडऩे का आदेश मिला तो यूक्रेन से सुरक्षित निकलने के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से प्राइवेट बस से पड़ोसी देश रोमानिया भेजा गया। वहां बस ने उन्हें छोड़ा तो उन्हें बॉर्डर की तरफ लगभग 12 किमी पैदल चलना पड़ा। पैदल चलने और वहां बहुत भीड़ होने की वजह से मेरे कुछ साथी बेहोश भी होने लगे। फिर हमें बस में बैठा कर बुचारेस्ट की तरफ ले जाया गया। और फिर मुझे सैल्टर हाउस नं.02 में ठहराया गया। वहां दो दिन आराम करने के बाद एक मार्च की फ्लाइट से भारत लाया गया।
ऋषिकेश एवं सागर के माता-पिता ने कहा कि केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार अथक प्रयासों और ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से उनका बेटा सुरक्षित घर वापस लौट आया। उनके सकुशल घर वापस आने पर परिवारजन ने प्रसन्नता जताई।