शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा कलेक्टर को किया जा रहा गुमराह
वीडियोग्राफी कर सुलह होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने पुराने आवदेन पर कैसे कर दिया जांच के आदेश
भिण्ड, 03 जुलाई। वर्तमान में भिण्ड जिले का शिक्षा विभाग राजनीति का अड्डा बन चुका है, सबसे ज्यादा अव्यवस्थाएं शिक्षा विभाग में ही देखने को मिल रही हैं। योग्य कर्मचारी अधिकारियों को दरकिनार कर जनप्रतिनिधियों की शरण में रह रहे कर्मचारी जिनकी योग्यता उस दायित्व को संभालने की नहीं है लेकिन अपनी पहुंच के चलते उच्च पदों पर आसीन हैं। इतना ही नहीं कई तरह के फायदे के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिला कलेक्टर तक को गुमराह किया हुआ है, ऐसा ही एक मामला भिण्ड बीआरसी कार्यालय से जुड़ा हुआ है जहां पदस्थ दो महिला कर्मचारियों ने तत्कालीन बीआरसी दशरथ सिंह कौरव और भृत्य दर्शन सिंह कुशवाह पर प्रताडि़त किए जाने के आरोप की शिकायत भिण्ड कलेक्टर से की थी, जिस पर तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने जांच कर सहमति से पांच फरवरी 2019 को आपसी सुलहनामा कराया था, जिसकी बाकायदा सहमति पत्र लिखवाकर वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। जिसकी सीडी जिला पंचायत में भी मौजद है।
पुराने आवदेन पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कैसे कर दिया जांच का आदेश
जब तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने कर्मचारियों की सहमति से आपसी सुलहनामा करवा दिया था तो जिला शिक्षा अधिकारी ने किस आधार पर जांच का आदेश कर दिया? जबकि उक्त महिला कर्मचारियों ने कोई भी नया आवेदन नहीं दिया है, फिर किस बात की जांच जिला शिक्षा अधिकारी करवा रहे हैं? आखिर किसके इशारे पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर को गुमराह किया जा रहा है? किसके कहने पर बीआरसी और भृत्य के खिलाफ षणयंत्र रचकर पुराने आवदेन पर जांच के आदेश निकाले गए? जिला शिक्षा अधिकारी से जब इस संबंध में बात करने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क करना चाहा तो उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ।
इनका कहना है-
जिस शिकायत की जांच का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने निकाला है उस शिकायत का निराकरण पांच फरवरी 2019 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा किया जा चुका है, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मुझे फंसाने का झूठा प्रयास किया जा रहा है।
दशरथ सिंह कौरव, पूर्व बीआरसी भिण्ड
जिला पंचायत सीईओ अनूप सिंह के समक्ष मेरा राजीनामा हो चुका था उसके बाबजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना आवेदन के पुराने आवदेन पर पुन: जांच कराए जाने का आदेश कर मुझे झूठा फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
दर्शन सिंह कुशवाह, भृत्य, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय