कोविड की सेंपलिंग का कार्य लक्ष्य अनुरूप हो, कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में संभागीय आयुक्त ने दिए निर्देश
भिण्ड, 03 जुलाई। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में एक ही दिन में वृहद पौधारोपण का अभियान चलाकर चार लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके लिए सभी जिले अपने-अपने जिले में वृहद पौधारोपण की तैयारी करें। संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने बुधवार को ग्वालियर-चंबल संभाग के कलेक्टरों की बैठक में यह बात कही।
मोती महल के मानसभागार में आयोजित दोनों संभाग की कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में राजस्व प्रकरणों की समीक्षा, कोविड-19 के संक्रमण के संबंध में समीक्षा के साथ-साथ वृहद पौधारोपण अभियान के संबंध में भी विस्तृत चर्चा कर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बैठक में ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने वृहद पौधारोपण के लिए अभियान चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान हमें ऑक्सीजन की जिस प्रकार की कमी महसूस हुई है, उसको देखते हुए वातावरण में पर्याप्त ऑक्सीजन देने वाले पौधों को रोपने का अभियान चलाना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में अगस्त माह के किसी एक दिन को निर्धारित कर वृहद पौधारोपण का कार्य किया जाए। इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टर अपने-अपने जिलों में पौधारोपण की सभी तैयारियां समय रहते पूर्ण करें।
उन्होंने कहा कि पौधारोपण का अभियान केवल सरकारी अभियान न होकर आमजन को जोड़कर चलने वाला अभियान बनाया जाए। जिले के हर व्यक्ति की उसमें भागीदारी सुनिश्चित की जाए। पौधारोपण में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि अधिक से अधिक पौधे छह फीट हाईट के रोपे जाएं और उनकी देखभाल की जवाबदारी भी जिम्मेदार नागरिकों को सौंपी जाए। पौधारोपण के कार्य में जन सहभागिता हो इसके भी प्रयास किए जाएं। एक दिन निर्धारित कर ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में वृहद पौधारोपण का कार्य किया जाए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में लक्ष्य अनुरूप पौधारोपण की कार्ययोजना तैयार कर उसकी तैयारियां करें। ग्वालियर जिले में एक लाख पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अन्य जिलों में भी लक्ष्य निर्धारित कर वृहद पौधारोपण का अभियान चलाया जाएगा।
राजस्व प्रकरणों का तेजी से हो निराकरण
संभाग आयुक्त ने बैठक में राजस्व प्रकरणों की भी विस्तार से समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कहा कि कोविड-19 के कारण सभी जिलों में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अपेक्षा अनुरूप प्रगति नहीं हुई है। सभी कलेक्टर अपने-अपने जिलों में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाएं। पांच साल से अधिक राजस्व का कोई भी लंबित प्रकरण किसी भी जिले में लंबित न बचे इसके लिए एक सप्ताह में विशेष प्रयास कर प्रकरणों का निराकरण करें।