पूर्णा नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन एवं लाईसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त

अनाधिकृत रूप से निरंतर सेवाएं देने पर जिला प्रशासन ने की कार्रवाई

भिण्ड, 28 जनवरी। जिला प्रशासन को शिकायती आधार पर डॉ. अंशू मिश्रा, शासकीय चिकित्सक द्वारा पूर्णा नर्सिंग होम में विगत तीन वर्षों से अनाधिकृत रूप से निरंतर स्वास्थ्य सेवाऐ देने की शिकायत के आधार शुक्रवार को राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें श्रीमती ममता यादव, तहसीलदार भिण्ड, धर्मेन्द्र पटवारी, डॉ. अजीत मिश्रा सीएमएचओ भिण्ड, नोडल अधिकारी डॉ. आरएन राजौरिया, डॉ. इंदौरिया एवं विवेक शर्मा, सहायक ग्रेड-तीन ने सघन छापामारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया।
अमले द्वारा पूर्णा नर्सिंग होम में इलाज हेतु बैठे मरीजों से पूछताछ की गई, जिसमें रूबी यादव पत्नी अमित यादव निवासी ग्राम बिलाव एवं निशा कुशवाह पत्नी लोकेन्द्र सिंह निवासी अकोड़ा के कथन अनुसार वे डॉ. अंशू मिश्रा से टांके कटवाने आए थे। टीम के औचक निरीक्षण के दौरान डॉ. अंशू मिश्रा उठकर चली गईं। टीम द्वारा अन्य मरीजों की केसशीट का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि उनका भी ऑपरेशन एवं उपचार डॉ. अशू मिश्रा द्वारा किया गया है।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड डॉ. अजीत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की सामूहिक छापामार कार्रवाई के दौरान वहां पर मौजूद मरीजों एवं उनके अटेण्डरों के कथनानुसार डॉ. अंशू मिश्रा के अनाधिकृत रूप से स्वास्थ्य सेवाएं देने की पुष्टि हुई है, जोकि शासन के नियमों का उल्लघंन है। जबकि डॉ. अंशू मिश्रा शासकीय चिकित्सक हैं, जोकि अपने शासकीय कत्र्तव्य स्थल से लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं। टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान मिले साक्ष्य, केसशीटों के अवलोकन एवं वहां मौजूद मरीजों के कथन के आधार पर पूर्णा नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन एवं लाईसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है एवं भविष्य में शासन के निहित निर्देशों का पालन ना किए जाने पर उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई प्रस्तावित करने हेतु नोटिस जारी किया गया है। डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार से अनाधिकृत रूप से संचालित स्वास्थ्य संस्थानों पर कार्रवाई की जाती रहेगी।