आरौली में स्वास्थ्य एवं आपदा जागरूकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 25 जून। जिला कलेक्टर भिण्ड के निर्देशन में आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल के सहयोग, स्वास्थ्य विभाग के समन्वय और एविटाज फाउण्डेशन के क्रियान्वयन से ग्राम आरौली में एक दिवसीय स्वास्थ्य एवं आपदा जनजागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदाय को मानसून के दौरान होने वाली मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, जलजनित रोगों तथा बाढ और सर्पदंश जैसी आपदाओं से बचाव के उपायों की जानकारी देना था।
शिविर में एविटाज फाउण्डेशन के कार्यक्रम अधिकारी नीरज भार्गव की उपस्थिति में आशा कार्यकर्ता नेहा सिकरवार, सीएचओ प्रदीप लोहानी और आंगनबाडी कार्यकर्ता मंजेश गुर्जर ने मिलकर जागरुकता सत्रों का संचालन किया। इन विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को साफ-सफाई बनाए रखने, जलभराव रोकने, पानी के बर्तनों को ढंककर रखने, टंकी और गमलों को सप्ताह में एक बार खाली करने तथा मच्छरदानी के नियमित उपयोग जैसे सरल लेकिन प्रभावी उपायों के बारे में बताया।
ग्रामीणों को यह भी जानकारी दी गई कि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां मच्छरों के जरिये फैलती हैं, जो गंदे और रुके हुए पानी में पनपते हैं। इसलिए मच्छरों के प्रजनन को रोकना सबसे जरूरी है। बाढ के दौरान पानी की निकासी सुनिश्चित करना, सूखा राशन और प्राथमिक उपचार किट तैयार रखना, और आपदा की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की जानकारी पहले से रखना भी ग्रामीणों को सिखाया गया। सर्पदंश की बढती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सावधानियों पर विशेष बल दिया गया। खेतों में काम करते समय हमेशा जूते पहनने, रात को सोते समय मच्छरदानी लगाने, और झाडियों से दूर रहने की सलाह दी गई। यदि किसी को सांप काट ले, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर उपचार करवाने पर जोर दिया गया। नीरज भार्गव ने बताया कि सर्पदंश जैसी आपात स्थिति में समय पर अस्पताल पहुंचने से जान बचाई जा सकती है, इसलिए देरी नहीं करनी चाहिए। शिविर में स्वास्थ्य जांच भी की गई, जिसमें बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष स्क्रीनिंग की गई।