बाल्यकाल के संस्कार भावी जीवन की आधार शिला : चौधरी

-भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड का बाल संस्कार शिविर का चतुर्थ दिवस

भिण्ड, 04 मई। भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड द्वारा मां निरंजना देवी मन्दिर परिसर 17 बटालियन इटावा रोड पर चल रहे बाल संस्कार शिविर चतुर्थ दिवस पर बोलते हुए रामबाबू चौधरी ने कहा कि शिविर में बच्चों के अंदर सांस्कृतिक, नैतिक, शैक्षणिक, रचनात्मक सोच और खेल की भावना विकसित हो रही है। शिविर बच्चों मे बाल्यकाल में ही व्यक्तित्व के समग्र विकास में मदद करते हैं बच्चों को प्रात:कालीन बेला में घर से बाहर निकल कर स्वच्छ हवा का लाभ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए खुली धूप से विटामिन डी की पूर्ति करनी चाहिए। हमारा कर्तव्य है, कि हम देश और राष्ट्र हित में अपने कर्तव्यों का पालन अवश्य करें। सार्वजनिक संपत्ति को यदि कोई नुकसान पहुंचता है तो हमें उसे रोक कर समझना होगा। इसी प्रकार अनावश्यक बिजली और जल का व्यय नहीं करना है। बच्चों के द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया एवं खेल के रोचक तरीके से स्वस्थ रहने की कला, ध्यान, प्राणायाम, गुरू एवं माता-पिता का आज्ञा पालन एवं अनुशासन, महापुरुषों की जीवनी, प्रेरणाप्रद संस्मरण, बालनीति कथाएं, जीवन जीने की कला, विविध प्रयोग, मनोरंजक खेल आदि सिखाए गए, बच्चों ने इत्यादि गतिविधियों का भरपूर आनंद लिया।
शिविर में बच्चों से देश भक्ति से जुडे प्रश्नों एवं स्वामी विवेकानंद पर आधारित सवाल पूछे गए, जिनका बच्चों ने बढ-चढकर जवाब दिया। अंत में फल वितरण कर राष्ट्रीय गान के साथ शिविर को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर शाखा अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा, सचिव राजमणि शर्मा, कमलेश सैंथिया, कोषाध्यक्ष रेखा भदौरिया एवं बाल संस्कार शिविर की संयोजक रेखा शुक्ला, आदि उपस्थित रहे।