-विश्व पृथ्वी दिवस पर उत्कृष्ट विद्यालय में सुप्रयास की कार्यशाला आयोजित
भिण्ड, 22 अप्रैल। विश्व पृथ्वी दिवस हमें अपनी धरती माता के पोषण और कल्याण के लिए चिंतन करने का अवसर प्रदान करता है। प्रति वर्ष दुनिया भर में अलग-अलग हिस्सों में बडी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और एक साझा उद्देश्य के साथ चिंतन और क्रियान्वयन करते हैं। यह बात प्रो. रामानंद शर्मा ने विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए।
प्रो. शर्मा ने छात्र-छात्राओं को निजी स्तर पर धरती के बढते तापमान को रोकने के छोटे-छोटे उपाय बताए। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज पॉलिथीन को कम से कम प्रयोग में लाएं और फिर भी विभिन्न कारणों से जो भी थोडी बहुत पालीथिन घर में आ जाती है उसे सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतल में किसी लकडी आदि की सहायता से ठोस ठोस कर भरकर, सॉलिड रूप दिया जा सकता है।
सुप्रयास के सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस लोगों को समुदाय बनाने और हमारे ग्रह पर होने वाले खतरनाक संकट से के लिए योगदान करने का अवसर प्रदान करता है। संसाधनों की बढती कमी से लेकर प्लास्टिक प्रदूषण तक, ऐसे कई महत्वपूर्ण विषय हैं, जिन पर हमें तत्काल क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से सुप्रयास भी लोगों से समुदाय बनाकर पर्यावरण गतिविधियों में सहभागी होने का अनुरोध करता है।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य पीएस चौहान ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस का मुख्य उद्देश्य यह एहसास कराना है कि हमारी हर अचेतन क्रिया, चाहे हम उसे कितना भी महत्वहीन क्यों न समझें, पर्यावरण और ग्रह पृथ्वी पर सीधा प्रभाव डालती है। हम सभी को अपने कार्यों के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार होना चाहिए और पृथ्वी के लाभ के लिए जान बूझकर सकारात्मक पहल करनी चाहिए। कार्यशाला में धीरज त्रिपाठी ने कहा कि हमने शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक के परिसर के सभी पेड पौधों और वृक्षों की बार कोडिंग की है। जिससे कोई भी छात्र-छात्र या अन्य जिज्ञासु अपने मोबाइल फोन की मदद से बारकोड को स्कैन करके उसे पौधे के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है। उसके औषधीय गुणों के बारे में जान सकता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. धीरज गुर्जर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व पृथ्वी दिवस की थीम है हमारी शक्ति, हमारा ग्रह। इस थीम में हम सभी से पर्यावरण संबंधी समस्याओं से अपने ग्रह की रक्षा करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया गया है, साथ ही अपने समुदाय में सूक्ष्म स्तर पर जागरूकता फैलाने का भी आह्वान किया गया है। कार्यशाला में कमलेश कुशवाह, सत्येन्द्र शर्मा, सत्येन्द्र सिंह भदौरिया के अलावा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। आभार प्रदर्शन मधु शर्मा ने किया।