भिण्ड, 16 अप्रैल। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड उमेश पाण्डव के आदेशानुसार एवं न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुश्री अनुभूति गुप्ता के मार्गदर्शन में सीएम राईज शा. कॉटनजीन क्र.एक विद्यालय भिण्ड में मप्र पीडित प्रतिकर योजना, 2015 और यौन उत्पीडन योजना के संबंध में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में उपस्थित जिला न्यायाधीश भिण्ड मनोज कुमार तिवारी (जूनि.) ने सभी छात्र-छात्राओं को पॉक्सों एक्ट के बारे में बताया कि पॉक्सो अधिनियम बच्चों को बाल यौन अपराधों व यौन उत्पीडन से बचाने के लिए बनाया गया है, इसके तहत बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों के लिए कडी सजा का प्रावधान रखा गया है। बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों में बच्चों का यौन-शोषण, यौन उत्पीडन एवं पोर्नोग्राफी को शामिल किया गया है, इसी के अंतर्गत न्यायाधीश द्वारा गुड टच एवं बेड टच के बारें में विस्तारपूर्वक समझाया एवं उनके साथ किसी भी प्रकार की ऐसी घटना होने पर तुरंत विद्यालय में अपने अध्यापक एवं घर में अपने परिवारजन को उसके बारें में अवगत कराना चाहिए आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड देवेश शर्मा ने विधिक सहायता के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे बालक जिन्होंने कानून के विरुद्ध कोई कृत्य किया है वह ‘धारा 12’ विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत नि:शुल्क विधिक सहायता हेतु पात्र हैं, जिसका लाभ वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय भिण्ड में उपस्थित होकर/ पत्र के माध्यम से अथवा किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष नि:शुल्क विधिक सहायता की मांग कर प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त टोल फ्री नं.15100 पर भी संपर्क कर नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। कार्यक्रम में चीफ एलएडीसी हनुमंत बौहरे, असिस्टेंट एलएडीसी अमित थापक, अधिवक्तागण एवं विद्यालय के प्राचार्य नरेश सिंह भदौरिया, विद्यालय का समस्त स्टाफ, छात्र-छात्राएं एवं पीएलही भिण्ड मनोज श्रीवास उपस्थित रहे।