दंदरौआ धाम में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
भिण्ड, 04 मार्च। दंदरौआधाम में श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामदास महाराज के सानिध्य में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन चल रहा है। भागवत कथा के पांचवे दिन शुक्रवार को व्यास गद्दी से पं. पवन शास्त्री ने कहा कि शास्त्र उस हंस की तरह होता है, जो दूध को पानी से अलग कर ग्रहण करता है। इसी तरह शास्त्र भी मनुष्य को बताता है कि पाप और पुण्य को अलग करता है, क्योंकि शास्त्रों को भी परमहंस कहा गया है, जिस समय व्यक्ति ज्ञान के प्रकाश उत्पन्न हो जाता है। तब मनुष्य को पता चलता है कि संसार तो झूठा है, ईश्वर ही सत्य है, ईश्वर की पहचान के लिए ज्ञान के प्रकाश का होना आवश्यक है, मनुष्य को चाहिए कि शास्त्रों की शरण में रहे, पिता की देख-रेख में बच्चा विद्वान बनता है, लेकिन माता की देख-रेख में बच्चा चरित्रवान बनता है, इसलिए ऐसी माता पूज्यनीय, वंदनीय होती है। जिसका बच्चा चरित्रवान होता है।
कथा का श्रणव करने पहुंचे पूर्वमंत्री राकेश चौधरी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताते हैं। ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग है पहला मार्ग ज्ञानमार्ग, दूसरा मार्ग वैराग्य है, तीसरा मार्ग भक्तिमार्ग है। इस मौके पर अशोक चौधरी, पूर्व संरपच महेश कुमार मिश्रा, संजय मिश्रा, सुधांशु गुबरेले, जलज त्रिपाठी, राजाभैया पाल, नरसी दद्दा सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।