अच्छे संस्कारों से बनते हैं ध्रुव जैसे महान

भिण्ड, 09 नवम्बर। ग्राम महायर (रेमुजा) में हनुमान मन्दिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास पं. सोमेश शास्त्री (अमायन वाले) ने ध्रुव चरित्र सुनाते हुए बताया कि हर मनुष्य की दो प्रकार की बुद्धि होती है सुनीति एवं सुरुचि, जो शास्त्रों में बताया उसी रास्ते पर जो चलता है उनके ध्रुव होते हैं, जो अपनी मनमर्जी से चलता है उनके क्षणिक सुख देने वाला उत्तम होता है जो केवल देखने में अच्छा लगता है।
आज समय है अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, संस्कार हीन शिक्षा बहुत ही हानिकारक हैं, आज देखिए जिस भारत देश में श्रवण कुमार अपने माता पिता को तीर्थ यात्रा कराते थे उसी देश में आज जगह जगह वृद्धाश्रम बने है और हर वृद्धाश्रम भरे पड़े है, ये सब संस्कार हीन शिक्षा का परिणाम है। आज कथा के माध्यम से यही संदेश है अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें।