गुरू हमें शिक्षा ही नहीं संस्कार भी देते हैं : आचार्य पाण्डे

– भाविप द्वारा गुरू वंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 29 सितम्बर। भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड द्वारा शहर के डीपीएस कॉन्वेंट स्कूल में गुरू वंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य चंद्रप्रकाश पाण्डे एवं अध्यक्षता रश्मी खटीक ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इसके उपरांत शाखा अध्यक्ष कमलेश सैंथिया ने भारत विकास परिषद के पांच सूत्र- संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, समर्पण पर प्रकाश डालते हुए सभी को परिषद की परिकल्पना, कार्यों एवं गुरू वंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के वारे में अवगत कराया।
मुख्य अतिथि आचार्य चंद्रप्रकाश पाण्डे ने कहा कि भारत विकास परिषद द्वारा गुरू वंदन-छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में संस्कार का भाव विकसित करना इसका मूल्य भाव है। गुरू शैक्षिणक हो या आध्यात्मिक हमेशा सही दिशा देते हैं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने से जीवन में कभी किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पडता, बच्चों को अपने माता-पिता गुरुओं का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि उनके आशीर्वाद से ही अपने जीवन में सफलता पाने में सक्षम हो सकेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं रश्मी खटीक ने कहा कि बच्चों को हमेशा सुबह खडे होकर अपने माता-पिता तथा धरती माता के चरण स्पर्श करने चाहिए एवं विद्यालय में आकर गुरुओं का वंदन करना चाहिए। उन्होंने बच्चों को संस्कारित करने पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा सिर्फ बेहतर संस्कार होने पर ही फलीभूत होती है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को शाखा की सदस्य रेखा भदौरिया ने सामूहिक रूप से सदाचार व गुरुओं के सम्मान की शपथ दिलाई। संचालन शाखा सचिव राजमणि शर्मा ने एवं आभार सुभाष शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में विद्यालय के संचालक विनोद दुवे एवं परिषद के सदस्य अश्विनी दण्डौतिया मंचासीन रहे।

कार्यक्रम में विद्यालय परिवार से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों में नैंसी तिवारी, अंकुश बघेल, मानसी शिवहरे, अंजली तेहनगुरिया, लक्ष्मी, हर्ष भदौरिया, अनुष्का शर्मा, अनुष्का गर्ग, आकृति चंदेल ,आयुष यादव को उपस्थित अतिथियों ने प्रमाण पत्र व मैडल से सम्मानित किया। साथ ही आगामी शिक्षक सम्मान हेतु विद्यालय परिवार से शिक्षिक हरिशंकर शर्मा व अजीत त्रिपाठी को नामांकित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में दस छात्रों व दो शिक्षकों को एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय गान के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में बीस शिक्षक/ शिक्षकाएं सहित दो सैंकडा से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।