भविष्य की नई कल्पना का स्त्रोत होता है शिक्षक : प्रो. अली

-शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर पांच शिक्षकों का किया सम्मान

भिण्ड, 04 सितम्बर। शिक्षक समाज का दर्पण होता है, समाज में व्याप्त बुराइयों को कुचलने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। एक आदर्श शिक्षक अपनी लेखनी द्वारा समाज को जागृत करता है, शिक्षक भविष्य की नई कल्पना का स्त्रोत होता है। यह बात शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर हम फाउण्डेशन सिटी एवं विवेकानंद शाखा द्वारा शहर के हाउसिंग कॉलोनी में आयोजित शिक्षकों के सम्मान के अवसर पर हम फाउण्डेशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली ने कही। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र माल्यार्पण पर की गई। इस अवसर पर प्रदेश कार्यशाला संयोजक प्रो. रामानंद शर्मा, प्रांतीय संगठन मंत्री शैलेश सक्सेना, शाखा अध्यक्ष अरविन्द सिंह भदौरिया, योगेश शर्मा, सेवा प्रमुख विपुल सेठ, सचिव अजीत उपाध्याय, कोषाध्यक्ष संतोष नरवरिया, बीएस तोमर आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रो. रामानंद शर्मा ने कहा कि शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है, उसे गुरू कहा जाता है। सही मायनों में कहा जाए तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढता है और शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। शिक्षक विष्णु शर्मा ने कहा कि गुरू या शिक्षक का संबंध केवल विद्यार्थियों की शिक्षा देने से ही नहीं होता बल्कि वह अपने विद्यार्थी को हर मोड पर सही दिशा दिखता है और उसका हाथ थामने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
शिक्षक भूपसिंह ने कहा कि सफल जीवन के लिए ही शिक्षा बहुत उपयोगी है जो हमें गुरू द्वारा प्रदान की जाती है, विश्व में केवल भारत ही ऐसा देश है जहां पर एक शिक्षक अपने विद्यार्थी को ज्ञान देने के साथ-साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा भी देते हैं, जो एक विद्यार्थी में उच्च मूल्य स्थापित करने में बहुत उपयोगी है। कार्यक्रम के अंत में विष्णु कुमार शर्मा, भूपसिंह, इन्दिरा देवी, सोनम सिंह राजावत तथा अनूप शर्मा का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन शैलेश सक्सेना एवं आभार अरविन्द भदौरिया ने व्यक्त किया।