सनातन धर्म का ही प्रचार करेंगे, अन्य धर्म या राजनैतिक दल प्रचार हमारा उद्देश्य नहीं : शंकराचार्य

अमन आश्रम परा में चल रहा है श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ

भिण्ड, 12 अक्टूबर। अटेर रोड स्थित अमन आश्रम परा भिण्ड में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतर्गत श्री काशीधर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि चौरासी लाख योनियों में भटकता-भटकता जीव मनुष्य शरीर पाता है। सत्संग से मनुष्य अनेक प्रकार के पापों से मुक्ति बच जाता है। बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न होई।। बिना सत्संग के विवेक की उत्पत्ति नहीं होती और सत्संग की प्राप्ति प्रभु कृपा द्वारा ही हो सकती है। मनुष्य कल्याण के लिए सत्संग ही सर्वोत्कृष्ट साधन है। प्रकृति निर्दोष है जैसे ईश्वर निर्दोष है। मनुष्य योनि ही में संसार तरंग से पार हुआ जा सकता है। ज्ञान के द्वारा मनुष्य मुक्ति प्राप्त कर सकता है। पशु को किसी कर्म के द्वारा पाप-पुण्य नहीं लगता।
स्वामी जी ने कहा कि लोग मोह वश नाना प्रकार के पाप करते हैं। दूसरों का हित और आदर करना चाहिए। तीर्थ मनुष्य के लिए पाप के बोझ से जहां हम स्वत: को हल्का महसूस करें उन्हें तीर्थ कहते हैं सभी प्राणियों को समय-समय पर तीर्थों का भ्रमण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सनातन धर्म का ही प्रचार करेंगे अन्य किसी धर्म और पार्टियों का प्रचार हमारा उद्देश्य नहीं है। कितना भी व्यक्ति दुखित क्यों ना हो, अगर वह ईश्वर के नाम का स्मरण करता है तो वह जल्द ही अपने दु:ख को भूल जाता है। कार्यक्रम से पूर्व पदुकापूजन सविधि संपन्न हुआ। जिसमें ग्रामवासी एवं क्षेत्रांचल के भक्तजन तथा गणमान्यजनों ने पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।