श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनकर जमकर थिरके श्रद्धालु
भिण्ड, 09 फरवरी। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम गढ़ी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का प्रसंग भागवताचार्य पं. सेबाराम शास्त्री ने सुनाया। उन्होंने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। इस दौरान विवाह उत्सव भी मनाया गया। जिसमें श्रृद्धालुओं ने पंडाल में खड़े होकर फूल बरसाए। कथा पंडाल में रुकमणी एवं भगवान श्रीकृष्ण की झांकी लगाई गई, जिसमें श्रृद्धालुओं ने पैर पूजन किए तथा विवाह की कथा पं. सेवाराम शास्त्री द्वारा सुनी है गोकुल नगरिया ने आजा आजा सांवरिया भजन सुनाया। जिस पर पंडाल में बैठे श्रोता भगवान श्रीकृष्ण के विवाह की खुशी में गाने सुनकर थिरके।
शास्त्री द्वारा उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उद्धव-गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरू बनाना, द्वारिका की स्थापना, रुक्मिणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण वाचन किया गया। कथा श्रवण के बाद सभी श्रृद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर कथा पारीक्षत श्रीमती मीरादेवी भगवती चरण मुद्गल, परशुराम सर्व ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्यामसुंदर शर्मा, पं. रामअवतार शर्मा, श्रीराम शर्मा, पूर्व एसडीओ आरपी शर्मा, इंजी. महेश श्रोतिय, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष परशुराम सर्व ब्राह्मण महासंघ श्याम शर्मा, अशोक शर्मा, भगवती थापक, अवधेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष परशुराम सर्व ब्राह्मण महासंघ अतुल शर्मा, तहसीलदार राघव शर्मा, नंदन शर्मा सहित सैकड़ों श्रृद्धालु शामिल हुए।