क्रोध से बचने के लिए हर परिस्थिति का सामना शांति से करें : विनय सागर

दर्शन के लिए चेतकपुरी जैन मन्दिर पहुंचे मुनिश्री

ग्वालियर, 19 जून। व्यक्तित्व के विकास में अवरोधक बनता है, तो क्रोध बनता है, क्रोध से व्यक्तित्व का हास होता है, क्योंकि क्रोध घर परिवार जीवन को नरक बना देता है, व्यक्तित्व विकास तो स्वर्ग की और ले जाने वाला है, आशय स्पष्ट करते कहा जहां सह्रदयता, प्रेम, वात्सलय, क्षमा दया हो। यह अपने आप में व्यक्तित्व विकास के महत्वपूर्ण तत्व होते है। क्रोध क्या है यह जानना आवश्यक है। यह विचार श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ने रविवार को चेतकपुरी जैन मन्दिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।


मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि क्रोध का अर्थ है प्रतिकूल स्थिति में आने वाला आवेग। जब हमारे जीवन मे प्रतिकूल परिस्थिति बनती है तो आवेग आ जाता है उसे क्रोध कहते हैं, इससे बचना बहुत जरूरी है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है प्रतिकूल परिस्थितियों मे मन:स्थिति को एक साथ बनाए रखें। जिसकी मन की स्थिति एक सी बनी रहती है। वह क्रोध का निमित्त बनता है तो अविरल रूप से बच जाता है। अत: प्रत्येक परिस्थिति का सामना शांति पूर्वक ढंग से करें। दूसरा उपाय आत्म निरीक्षण करें और विचार करे क्रोध करने से हमारे लिए क्या लाभ है? क्या हानि है। कुछ लोग कहते हैं क्रोध करने से हमारा काम बन जाता है। लेकिन मैं कहता हूं पुण्य कि वजह से हमारा काम बनता है।

कामना और बंधन ही हैं दु:ख का कारण

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य जब इस संसार में जन्म लेता है तब वह पूर्णत: निष्पाप, निष्कपट और राग-द्वेष से रहित होता है, लेकिन वह समाज के प्रदूषित माहौल और कुसंगति के चलते दूषित कामनाओं के जाल में उलझ जाता है। ऐसी दूषित कामनाएं ही मनुष्य को पाप की और अग्रसर करती हैं। महाभारत के शातिपर्व में कहा गया है कि कामना ही बंधन है और दूसरा कोई बंधन नहीं है। जो कामना के बंधन से छूट जाता है, वह ईश्वरानुभूति करने में समर्थ हो जाता है।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज रविवार को माधौगंज से पद विहार कर चेतकपुरी स्थित दिगंबर जैन मन्दिर पहुंचे। जहां जैन समाज के लोगों ने उनकी आगवानी की। उन्होंने मन्दिर में विराजे भगवान जिनेन्द्र के दर्शन कर वंदना की। मुनिश्री शहर के अलग-अलग जैन मन्दिरों के दर्शनों व चातुर्मास में मन्दिरों के अध्यक्ष, मंत्री को धर्म प्रभावन के लिए जोड़ रहे हैं।