महिला का अपहरण कर मारपीट करने वाले चार आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा

शाजापुर, 15 जून। षष्ठम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शाजापुर के न्यायालय ने महिला का अपहरण कर मारपीट करने वाले आरोपीगण भगवान सिंह पुत्र उमराव सिंह निवासी काशीनगर, हाल मुकाम ग्राम रहेली, जिला शाजापुर, कमल सिंह एवं देवीसिंह पुत्रगण कालू गुर्जर निवासी काशीनगर, जिला शाजापुर, कमल पुत्र उमराव सिंह गुर्जर निवासी ज्योति नगर शाजापुर को धारा 367 भादंवि में दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं 1500-1500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 325 भादंवि में तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं 1500-1500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। आरोपी भगवान सिंह पुत्र उमराव सिंह को धारा 14 मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाते हुए दो वर्ष के कठोर कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से भी दण्डित किया गया। आरोपीगण द्वरा जुर्माना अदा न किए जाने की दशा में तीन-तीन माह का कठोर कारावास पृथक से भुगताए जाने के आदेश भी दिए गए। जुर्माना अदा किए जाने पर प्रतिकर स्वरूप फरियादिया को जुर्माने की राशि में से 10 हजार रुपए अपील अवधि पश्चात अपील न होने की दशा में दिलाए जाने का आदेश भी दिया गया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक शाजापुर आसिफ कमाली ने की।
जिला मीडिया प्रभारी/ एडीपीओ जिला शाजापुर सचिन रायकवार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 26 सितंबर 2014 को रात्रि आठ बजे फरियादिया दूध लेकर पुलिस लाईन के रास्ते इमली के पेड़ के पास पहुंची तभी आरोपीगण ने उसका रास्ता रोककर उसे मोटर साईकिल पर बिठाकर बस स्टेण्ड गड्डा कलाली के सामने ले गए। घटना दिनांक को फरियादिया ने न्यायालय में उक्त चारों आरोपीगण के खिलाफ बयान दिए थे, इस कारण आरोपी देवीसिंह गुर्जर, कमल गुर्जर व कमल एजेंट ने उसे लकड़ी से मारा, जिससे उसके दोनों पैर व हाथ में चोटें आईं। फरियादिया के चिल्लाने पर आरोपीगण भाग गए और बोले कि अगर उनके केस में राजीनामा नहीं किया तो उसे जान से खत्म कर देंगे। घटना वहां मौजूद लोगों ने देखी थी। घटना के बाद पुलिस के पहुंचने पर फरियादिया को अस्पाताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया था। फरियादिया के बताए अनुसार देहाती नालशी लेखबद्ध की गई थी, जिसके आधार पर थाना कोतवाली में असल अपराध पंजीबद्ध किया गया था। थाना कोतवाली शाजापुर पुलिस द्वारा संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया है।