हमारी मातृभाषा हिन्दी बने विश्व की भाषा : श्यामजी

विद्या भारती के प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग पचोर में आयोजित

पचोर (राजगढ़), 08 मई। विद्या भारती मध्य भारत प्रांत भोपाल द्वारा मार्गदर्शित ग्राम भारती शिक्षा समिति मध्य भारत प्रांत द्वारा आयोजित प्रांतीय (आवासीय) आचार्य सामान्य शिक्षण वर्ग प्रधानाचार्य शिक्षण वर्ग एवं वित्त प्रबंधन वर्ग में आचार्य एवं दीदी शामिल हुए। इस अवसर पर सुलेखाचार्य श्याम शर्मा द्वारा लिखित सुलेख की एक पुस्तक का प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा विमोचन किया गया।
इस अवसर पर हिन्दी सुलेखाचार्य श्याम शर्मा ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिन्दी देश की बिंदी है। हम सभी का यह संकल्प और प्रयास होना चाहिए कि जन-जन की है यह अभिलाषा- हिन्दी बने विश्व की भाषा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की उन्नति और प्रगति का आधार वहां की राष्ट्र भाषा होती है, हमारी मातृभाषा हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। जापान, जर्मनी और चीन जैसे देशों में वहां की मातृभाषा का ही प्रचलन है। सुलेखाचार्य श्याम शर्मा इंदौर नगर निगम बिल्डिंग परमीशन विभाग में अधिकारी रहे हैं। मातृभाषा हिन्दी को सहेजने, संवारने का पुनीत कार्य करते हुए वे विगत 40 वर्षों से हिन्दी की लिखावट को सुन्दर बनाने का सामाजिक कार्य कर रहे हैं। सुलेख सुधारने की इनकी शैली बहुत ही सरल व रोचक है।


प्रधानाचार्य शिक्षण वर्ग में राजगढ़ विभाग के पूर्व विभाग कार्यवाह प्रमोद पंवार ने 21वीं सदी के कौशल विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए चर्चा की। ग्वालियर भाग प्रमुख गोपाल शर्मा ने वार्षिक उत्सव क्यों और कैसे विषय पर विस्तार से जानकारी दी। वित्त प्रबंधन वर्ग में शिवपुरी विभाग प्रमुख गोपाल सोनी ने प्रवेश एवं छात्र अभिलेख के संबंध में जानकारी दी। योगेश माकवे हरदा ने परीक्षा अभिलेख के वारे में जानकारी दी। शारीरिक कार्यक्रम में योग, आसन, प्राणायाम, व्यायाम योग, समता एवं विविध खेल गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। अतिथि परिचय सीहोर जिला प्रमुख दुर्गाप्रसाद चक्रधारी ने कराया, स्वागत हरिशंकर सैनी एवं राहुल तिवारी ने किया।


इस अवसर पर ग्राम भारती मध्य भारत के प्रांत प्रमुख ओमप्रकाश जांगलवा, प्रांतीय उपाध्यक्ष किरीट नागड़ा, विष्णु आर्य, मनमोहन विश्वकर्मा, उत्तम सिंह कुशवाह, रघुराज सिंह चौहान, संतोष सेजगाए, जितेन्द्र होल्कर इंदौर, मुरली मनोहर शर्मा, दुर्गेश सिंह बागडी आदि कार्यकर्ता एवं मध्य भारत प्रांत के 16 जिलों से 140 आचार्य-दीदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सानंद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।