जब गौ माता का संरक्षण-संवर्धन होगा, तभी होगा राष्ट्र संपन्न

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन समारोह आयोजित

भोपाल, 25 फरवरी। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन देते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी पंचमानंद वनखेड़ी सरकार ने कहा कि जबसे सृष्टि का निर्माण हुआ, तबसे गौमाता का प्रादुर्भाव हुआ, धरती माता पर जब-जब संकट आया है, गौमाता की कृपा से संकट दूर हो गए। जब कोई गौमाता का अपमान करेगा, उसे कष्टों का सामना करना पड़ेगा। महाराज दिलीप ने धोखे से कामधेनु गाय को प्रणाम नहीं किया तो उन्हें पुत्र नहीं मिलने का श्राप मिला था। जब गुरु वशिष्ठ ने गौमाता की सेवा करने का मंत्र दिया, उन्होंने सेवा करते हुए सिंह के आक्रमण के समय गाय को बचाते हुए अपने आपको सिंह के हवाले कर दिया। इस समर्पण भाव को देख कर गौमाता प्रसन्न हुईं और पुत्र प्राप्त का आशीर्वाद दिया। आप जानते हैं उसी कुल में भगवान ने जन्म लेकर राक्षसों का वध किया था। आज आवश्यकता है कि गौमाता आधारित खेती करे आज स्वास्थ्य की एवं पर्यावरण की दृष्टि से भी जैविक खेती की आवश्यकता है, भारत की खेती ऋषि पद्धति से हमेशा से होती आई है। गाय बचेगी तो देश बचेगा।


इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने तीन वर्ष में किए गए कार्यों का प्रतिवेदन सुनाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए जैविक खेती करने की प्रेरणा दी। अतिथियों का स्वागत मप्र के अध्यक्ष कमल अंजना, उपाध्यक्ष नमोनारायण दीक्षित, मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष कैलाश ठाकुर, मंत्री पवन शर्मा ने किया।