भिण्ड, 01 जुलाई। गणाचार्य विराग सागर महाराज ने भिण्ड से उत्तर प्रदेश के एटा की ओर विहार करते हुए कहा कि भिण्ड वालों की प्रार्थना में कोई कमी नहीं रही। भिण्ड वाले इतने संस्कारित हो चुके हैं कि उनकी ओर से कभी कोई कमी नहीं रह सकती इसलिए जब हम भिण्ड वालों की प्रार्थना देखते हंै तो लगता है कि चातुर्मास भिण्ड में ही किया जाए।
उन्होंने कहा कि मेरा मन तो भिण्ड में ही है किन्तु प्रकृति का नियम है कि संयोग के साथ वियोग निश्चित होता है, जो मिलता है उसे एक दिन बिछडऩा होता है, जो आता है उसे एक दिन जाना होता है, इसे कोई बदल नहीं सकता। इसी नियम की श्रृखंला में अभी एटा वालों का पुण्योदय जागृत हो गया है और संघ का विहार एटा की ओर हो रहा है।
संतश्री ने कहा कि भिण्ड की समाज में वृद्ध, युवा से लेकर छोटे छोटे बच्चों में भक्ति भावना भरी हुई है। बड़े बड़े कार्य यहां की समाज ने किए हैं और आगे भी करते रहेगें ऐसा मेरा आशीर्वाद है। आप लोग चिंता न करें, अभी भिण्ड, मेहगांव, इटावा, एटा में प्रभावना करके अवश्य ही पंचकल्याण हेतु मेरे वापस आने की संभावना है।