– राकेश अचल
कत्ल की रात एक मुहावरा है, कहावत है या जुमला है? इस फेर में मत पडि़ए, किसी भी परीक्षा से पहले के 23 घण्टे कत्ल की रात में शुमार किए जाते हैं। बिहार विधानसभा की 121 सीटों के लिए 6 नवंबर से पहले की रात इसीलिए कत्ल की रात कहा जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार मंगलवार शाम थम गया और उससे पहले हकीकत में एक बाहुबली दुलारचंद यादव की मोकामा में हत्या भी हो गई। मोकामा से जेडीयू के बाहुबली प्रत्याशी अनंत सिंह हत्या के आरोप में जेल भी चले गए, लेकिन जेडीयू ने रातों-रात सैकड़ों अनंत सिंह पैदा कर लिए। खुद केन्द्रीय मंत्री लल्लन सिंह ने अनंत सिंह का वेश धर लिया है, उन्होंने फतवा जारी किया है कि 6 नवंबर को कोई भी विरोधी मतदाता मतदान के लिए घर से न निकल पाए। तय कार्यक्रम के मुताबिक 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों के लिए वोटिंग होगी। पहले चरण में मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगडिय़ा, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जिलों में वोटिंग होगी। इस फेज में 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें कई हाई-प्रोफाइल सीटें हैं।
आपको बता दें कि पहले चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कैबिनेट के 16 मंत्रियों की किस्मत दांव पर है। इनमें बीजेपी कोटे से 11 और जेडीयू कोटे से 5 मंत्री शामिल हैं। भाजपा के मंत्रियों में मंगल पाण्डे (सीवान), नितिन नवीन (बांकीपुर), सम्राट चौधरी (तारापुर), विजय कुमार सिन्हा (लखीसराय), जीवेश मिश्रा (जाले), संजय सरावगी (दरभंगा शहरी) और सुनील कुमार (बिहार शरीफ) शामिल हैं। वहीं जेडीयू के प्रमुख मंत्रियों में विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), श्रवण कुमार (नालंदा), मदन सहनी (बहादुरपुर) और महेश्वर हजारी (कल्याणपुर) हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर सीट से मैदान में हैं। उनकी आरजेडी के अरुण कुमार साह से सीधी टक्कर मानी जा रही है। जन सुराज के संतोष कुमार सिंह और तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल के सुखदेव यादव भी चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। आरजेडी की पारिवारिक सीट राघोपुर से इस बार यहां से राजद नेता तेजस्वी यादव तीसरी बार मैदान में हैं। तेजस्वी ने यहां 2015 और 2020 में भाजपा के सतीश कुमार को हराया था। एनडीए की तरफ से सतीश यादव उन्हें चुनौती दे रहे हैं, तो जनसुराज के चंचल कुमार भी सामने हैं।
मतदान से पहले रक्त रंजित हो चुकी मोकामा सीट पर दो बाहुबलियों की टक्कर है। एक तरफ अनंत सिंह तो दूसरी तरफ आरजेडी के टिकट पर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी हैं। अलीनगर सीट पर बीजेपी ने लोक गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है। ठाकुर का यह पहला चुनाव है, उनका मुकाबला आरजेडी के विनोद मिश्रा से माना जा रहा है। बीजेपी उनकी लोकप्रियता को वोट में बदलने की कोशिश में है। छपरा सीट से मशहूर भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका मुकाबला बीजेपी की छोटी कुमारी के साथ माना जा रहा है। लेकिन निर्दलीय राखी गुप्ता भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से 2010 से लगातार विधायक हैं। 2020 में उन्होंने कांग्रेस के अमरेश कुमार को हराया था। इस बार भी विजय सिन्हा के सामने अमरेश कुमार मैदान में हैं। लालू यादव द्वारा पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेजप्रताप यादव महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी टक्कर आरजेडी विधायक मुकेश रोशन से मानी जा रही है। एनडीए की तरफ से एलजेपी के संजय कुमार सिंह ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
कभी वामपंथ का गढ़ माने जाने वाली बेगूसराय सीट पर 2020 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस बार बीजेपी के कुंदन कुमार का मुकाबला कांग्रेस की अमिता भूषण से है। मंडल युग के बाद यहां की राजनीतिक गणित बदल चुकी है। पटना की शहरी बांकीपुर सीट पर बीजेपी के नितिन नवीन लगातार जीतते आ रहे है। इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। उन्हें चुनौती देने के लिए आरजेडी ने रेखा गुप्ता को उतारा है।
मिथिलांचल की प्रमुख सीट दरभंगा (शहर)से बीजेपी के राजस्व मंत्री संजय सरावगी मैदान में हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए जन सुराज ने पूर्व आईपीएस आरके मिश्रा और मुकेश सहनी की पार्टी ने उमेश सहनी को उम्मीदवार बनाया है। पहले चरण में एनडीए की ओर से जदयू के 57 उम्मीदवार, बीजेपी के 48, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के 2 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं महागठबंधन की तरफ से आरजेडी के 71, कांग्रेस के 24 और वाम दलों के 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
इनके अलावा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) छह-छह सीट पर, सीपीएम तीन सीटों पर और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आईआईपी) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चरण में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के 118 उम्मीदवार भी किस्मत आजमा रहे हैं। यदि पहले चरण के मतदान में वोट चोर कामयाब न हुए तो परिदृश्य बदल सकता है। आतंक, आशंका और नए तेवरों के साथ हो रहे ये चुनाव क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से बिहार को मुक्ति दिलाने वाले हो सकते हैं।







