हथियारों से हत्या करने वाले तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर, 12 सितम्बर। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर प्रशांत सक्सेना की अदालत ने घातक हथियारों से मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण भगवान सिंह उर्फ राजेश, भैयाराम एवं अर्पित उर्फ पुष्पेन्द्र को धारा 302/34 भादंवि के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। शेष दो आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया, मामले में एक आरोपी तेजसिंह फरार चल रहा है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दो अगस्त 2022 को दोहपर एक बजे ग्राम सीहोरा मेें राज मन्दिर के पास रहने वाले आहत मूरत सिंह उर्फ बबलू दांगी को सेमराढाना रोड विजय सिंह ठाकुर के निर्माणाधीन वेयर हाउस के पास पुरानी जमीनी बुराई पर से अभियुक्त भैयाराम दांगी, रामसिंह दांगी, मलखान सिंह दांगी, भगवान सिंह उर्फ राजेश दांगी, अर्पित उर्फ पुष्पेन्द्र सिंह दांगी ने रास्ता रोक कर गालियां दीं। गालियां देने से मना करने पर सभी ने एकराय होकर जान से मारने की नियत से लाठी-डण्डा एवं कुल्हाडी से उसकी मारपीट की उसके माथे, दोनों हाथ-पैरों तथा सिर में पीछे गंभीर चोटे आई मौके पर उसका भतीजा रामवेद सिंह तथा गांव का दौलत लोधी आ गए, जिन्होंने बीच बचाव किया। पांचों अभियुक्तगण जाते समय रिपोर्ट की तो जान से खत्म करने की धमकी देते हुए चले गए। सूचना पर थाना राहतगढ की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची, आहत को बुंदेलखण्ड मेडीकल कालेज लेकर गए, जहां आहत मूरत सिंह की रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्तगण के विरुद्ध धारा 307, 147, 148, 149, 341, 506बी की देहाती नालिसी पंजीबद्ध की गई, देहाती नालिसी के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई, साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, इलाज के दौरान आहत मूरत सिंह की मृत्यु हो गई, प्रकरण में धारा 302 भादंवि का इजाफा किया गया, विवेचना के अनुक्रम में आई साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में आरोपी रामसिंह दांगी का नाम जोडा गया। विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरुद्ध चालान न्यायालय में पेश किया गया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय में कराई गई एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं बहस के दौरान उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण न्याय दृष्टांत पेश किए गए एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर प्रशांत सक्सेना के न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।