रेत कंपनी के मालिक, संचालकों और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तार किया जाए : डॉ. दुबे

सिंध नदी को नष्ट करने में लगे असली अपराधी रेत कंपनी के लोग हैं वो पकड़े जाए, तभी रुक सकेगा रेत खनन

भिण्ड, 23 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने कहा है कि जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र के पर्राइच में सिंध नदी की रेत खदान पर रेत कंपनी के मालिक और संचालकों ने स्थानीय ठेकेदार के साथ मिलकर चोरी से रेत का अवैध उत्खनन करवाने का काम किया है। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों में व्यस्त रहने के कारण मौके का फायदा लेकर चोरी से रेत निकलवाया है। अत: रेत कंपनी के सभी लोगों के खिलाफ अवैध रेत खनन और लोगों की जान संकट में डालने के संबंध में एफआईआर दर्ज की जाए। विगत 20 जुलाई की रात सिंध नदीं में अचानक आई बाढ़ में दो दर्जन से अधिक ट्रक जो रेत से भरे थे वह फंस गए, परिणामस्वरूप जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने 21 जून को दिन में उन ट्रकों की जब्ती की।
डॉ. रमेश दुबे ने जिलाधीश और जिला पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई की सराहना करके उन्हें धन्यवाद दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि 29 जून को कलेक्टर ने पत्र क्र.5771/खनिज/2022 द्वारा आदेश जारी करके 30 जून की मध्य रात्रि 12 बजे से लेकर 30 सितंबर की मध्य रात्रि 12 बजे तक मानसून के चलते जिलेभर की सभी नदियों से रेत खनन प्रतिबंधित कर दिया था, जिसकी सूचना पत्र क्र.57721/खनिज/2022 द्वारा प्रमुख सचिव से थाना प्रभारियों और रेल कम्पनी के मालिक राघवेन्द्र सिंह को भी दी गई थी, इसके बावजूद भी रेत कंपनी के मालिक और संचालकों ने ट्रक चालकों की जान खतरे में डलवाई और रेत उत्खनन करवाया और उस रेत को भरने ट्रकों को बुलवाया। ट्रक चालकों और ट्रक मालिकों के साथ साथ रेत कंपनी के लोग इस अवैध कृत्य के जिम्मेदार होकर अपराधी है। इनके खिलाफ एफआईआर करके इन्हें गिरफ्तार किया जाए। तभी मप्र की भाजपा सरकार की मंशा के अनुरूप अवैध रेत के खनन पर रोक लग पाएगी और जिले की नदियों का पर्यावरण सुरक्षित रह पाएगा।
डॉ. रमेश दुबे ने आगे कहा है कि जिलाधीश के निर्देश पर सरकार की मन्शा के अनुरूप पुलिस प्रशासन ने 21 जून को सिंध नदी में रेत खनन के लिए फंसे सभी ट्रकों को जप्त कर दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी तौर पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसके लिए जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी गणों को मैं धन्यवाद देता हूं। उन्होंने जिला प्रशासन को आगाह करते हुए आगे कहा है कि केवल ट्रकों को जब्त करने भर से मप्र सरकार की खनिज संपदा और पर्यावरण की सुरक्षा नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि नियम के अनुसार कार्य हो और पर्यावरण के हित में जब भी रेत खनन रोका जाए, तो फिर वह पूरी तरह रुके। लेकिन भिण्ड जिले की जीवन रेखा सिंध नदी को रेत खनन कंपनी के मालिक राघवेन्द्र सिंह पुत्र मेघराज सिंह निवासी सी-28 उर्मिला मार्ग हनुमान नगर, वैशाली नगर जयपुर राजस्थान और इनकी कंपनी के संचालक गणपत सिंह सिकरवार निवासी बाड़ी राजस्थान और दिनेश सिंह सिकरवार निवासी श्याम विहार कॉलोनी मुरैना ने अवैध रेत उत्खनन करके शासन की मंशा का विरोध किया है और मानसून में खनन पर रोक लग जाने पर भी लोगों की जान संकट में डालकर रेत खनन करवाया है और ट्रकों को भरवाने का काम किया है। ऐसे में अवैध रेत खनन के उक्त सभी असली अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, इनके खिलाफ एफआईआर कर अपराध दर्ज किया जाए और इनकी गिरफ्तारी हो, तभी रेत के अवैध खनन पर रोक लग पाएगी।
डॉ. दुबे ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से आंशका व्यक्त की है कि अगर कंपनी के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो ये रेत का अवैध उत्खनन नहीं रुकेगा। परिणामस्वरूप भिण्ड जिले की जीवन रेखा सिंध नदी और उसके किनारे के गांवों में रह रही जनता और जलीय जीवों के जीवन को गंभीर खतरा बना रहेगा। उन्होंने जिलाधीश और जिला पुलिस अधीक्षक से अविलंब कंपनी के मालिक और जनरल मैनेजरों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करके उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह किया है।

जिला एवं पुलिस प्रशासन के बचाव में दिखे डॉ. रमेश दुबे

अवैध रेत खनन को लेकर 76 वाहनों पर की गई फीकी कार्रवाई पर भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देकर फंस गए हैं। उन्होंने यह कॉन्फ्रेंस में कंपनी के मालिक राघवेन्द्र पुत्र मेघराज को घेरने के उद्देश्य से आयोजित की थी। जिसमें वह मीडिया द्वारा अवैध उत्खनन में प्रशासन के संलिप्त होने के सवाल पर प्रशासन का बचाव करते दिखे। जबकि जिले में हो रहे अवैध रेत उत्खनन का जिम्मेदार जिला प्रशासन भी है, जिला प्रशासन के बिना रेत खनन कैसे संभव है। ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि बाहरी कंपनी या लोग जिले में कुछ भी करें और प्रशासन को भनक तक न लगे। डॉ. रमेश दुबे अपनी सरकार और प्रशासन को पाक साफ बचाने की मुद्रा में नजर आए। और रेत खनन कंपनी पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए लगातार कानूनी कार्रवाई के पक्ष में बात कही। सरकार और जिला प्रशासन की सहमति के बगैर रेत कंपनी ठेकेदार ट्रक और डंपर की बात तो दूर है नदी से रेत का एक दाना उठाने की जुर्रत नहीं कर सकते।