बैंक ऑफ बड़ौदा को आगे बढऩे से नहीं रोक पाई महामारी : डॉ. जैन

धूमधाम से मनाया बैंक ऑफ बड़ौदा का 114वां स्थापना दिवस

भिण्ड, 22 जुलाई। बैंक ऑफ बड़ौदा का 114वां स्थापना दिवस भिण्ड शाखा द्वारा धूमधाम से मनाया गया। बैंक स्टाफ और पधारे अतिथियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के संस्थापक सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में मुख अतिथि जिला चिकित्सालय भिण्ड के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रविकांत जैन रहे, शाखा प्रबंधक विवेक सिंह जादौन ने मुख्य अतिथि का पुष्प और पुस्तक भेंट कर स्वागत किया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रविकांत जैन ने कहा कि बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने 20 जुलाई 1908 में गुजरात की रियासत गुजरात में बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थापना की। इस वर्ष हम 114वां स्थापना दिवस मना रहे हैं, मौजूदा दौर में विश्व अभूतपूर्व समस्या से जूझ रहा है। महामारी ने इतने वर्षों से चली आ रही कार्य प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है, लेकिन यह बैंक को दृढ़ संकल्प के साथ निरंतर आगे बढऩे से रोक पाने में सफल नहीं हो पाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने प्रत्येक चुनौती का जवाब परिवर्तन से दिया है। परिवर्तन हमारे नजरिए में, परिवर्तन हमारे समाधानों में ऐसी सोच को धारण कर आज बैंक ऑफ बड़ौदा की सेवाएं उत्कृष्ट होती जा रही है।
कार्यक्रम के अंत में शाखा प्रबंधक विवेक सिंह जादौन ने कहा कि निरंतर बदलती तकनीक के अनुरुप हमने स्वयं को ढालना सीख लिया है और साथ ही बैंकिंग को भी आसान बना दिया है। यह सब देश की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और कल के भविष्य के निर्माण में हमारा विनम्र योगदान है। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा की योजनाओं की जानकारी देते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान दीपक रामचंदानी, प्रथमेश शर्मा, आशीष ओझा, सुधीर शर्मा, रामू आर्य सहित शाखा स्टाफ मौजूद रहा।