कलेक्टर ने राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में संलग्न मैत्री कार्यकर्ताओं की ली बैठक

भिण्ड, 16 सितम्बर। राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में संलग्न मैत्री कार्यकर्ताओं की बैठक कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड सुनील दुबे, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग भिण्ड सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 9 प्रतिशत के विरुद्ध 20 प्रतिशत दुगना करने का लक्ष्य पर क्रियान्वित किए गए 3 नवीन कार्यक्रमों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस लक्ष्य की प्राप्ति के मूल रूप से दो घटक निर्धारित किए गए हैं। पहला दुग्ध उत्पादन में वृद्धि एवं दूसरा दुग्ध संग्रहण में वृद्धि, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए माह सितंबर से अभियान के तौर पर तीन कार्यक्रम पशुपालन विभाग द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे हैं। हरिण्यगर्भा अभियान कार्यक्रम के तहत समस्त ग्रामीण क्षेत्रों के साथ संचालित गौशालाओं में कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही गौशालाओं में अवर्णित नस्ल के नर बछड़ों का शत-प्रतिशत बधियाकरण किया जाएगा। इस अभियान के तहत भिण्ड जिले की चार गौशालाओं को मॉडल के रूप में चयनित किया जा रहा है।
दुग्ध उत्पादन को दुगना करने के लक्ष्य करने के उद्देश्य से नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं पोषण से पशुपालकों को जागरूक करने हेतु दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 3 चरणों में संचालित किया जाएगा। जिसमें प्रथम चरण में 10 या 10 से अधिक दुधारू पशु रखने वाले पशु पालकों से व्यक्तिश: संपर्क किया जाएगा। द्वितीय चरण में 5 या 5 से अधिक पशु रखने वाले पशु पालकों एवं तृतीय चरण में 5 से कम पशु रखने वाले पशु पालकों से संपर्क किया जाएगा। दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान का प्रथम चरण का शुभारंभ 2 अक्टूबर की ग्राम सभा से ग्राम वासियों को दी जाएगी। 3 अक्टूबर से दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान के प्रथम चरण का प्रारंभ होगा तथा 9 अक्टूबर को समाप्त होगा। इसके साथ ही मप्र में भारतीय नस्ल के उन्नत दुधारू पशुओं (गौवंश तथा भैंस वंश) के पशु पालकों के ब्रीडर संघ की स्थापना भी की जाएगी। इस संघ में ऐसे पशु पालकों को सूचीबद्ध किया जाएगा जिनके पास एक ही नस्ल के 20 या उससे अधिक दुधारू पशु होंगे। इस संघ के माध्यम से ऐसी संस्था को विकसित करना है जिससे उन्नत नस्ल के पशुओं का बड़ा समूह शासन के नस्ल सुधार कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इस संघ के माध्यम से नस्ल सुधार कार्यक्रम को जनभागीदारी से भी जोड़ा जाएगा तथा उन्नत पशुपालन कर रहे पशु पालकों की उन्न्त नवीन तकनीकी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पशुपालन विभाग की उक्त सभी कार्यक्रमों में ग्रामीण स्तर पर कार्यरत राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में प्रशिक्षित मैत्री कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होगी। बैठक में उपस्थित संपूर्ण जिले के मैत्री कार्यकर्ताओं को विस्तृत से प्रशिक्षण दिया गया तथा संपूर्ण अभियान में समर्पित भाव से संलग्न होकर कार्य करने की शपथ दिलाई गई। शासन एवं विभाग के इन नए अभियानों से निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में दुग्ध उत्पादन के लक्ष्य को दुगना करने की प्राप्ति होगी।