पोषण प्रदर्शनी के साथ किया गया पोषण माह का समापन

– आंगनबाडी केंद्रों पर किये गए कई कार्यक्रम

भिण्ड, 30 सितम्बर। सितंबर माह सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर पोषण माह के रूप में मनाया गया। जिसके अंतर्गत परियोजना भिण्ड ग्रामीण की सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर राष्ट्रीय पोषण माह के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर परियोजना भिण्ड ग्रामीण के सेक्टर बरही के आंगनबाडी केन्द्र भौनपुरा में सोमवार को टीएचआर से बने व्यंजनों की पोषण प्रदर्शनी लगाई गई। आंगनबाडी केन्द्रों पर बच्चों व माताओं को सही पोषण एवं स्वस्थ शिक्षा व कुपोषण पर जागरुक होने के लिए बताया गया।
परियोजना अधिकारी ऋचा कुशवाह ने बताया कि हम सबका एक ही नारा, पोषण है अधिकार हमारा। पोषण माह देशभर में हर साल एक से 30 सितंबर तक सही पोषण हेतु जागरुकता बढाने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष सातवां पोषण माह मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य से संबंधित कई बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है, जिसमें से एक मुख्य विषय एनीमिया है जो कि भारत के हर वर्ग में देखने को मिलता है, विशेषकर महिलाओं व बच्चों में गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से मातृ एवं शिशु को खतरा हो सकता है। इसकी कमी से बच्चों में संक्रमण की आशंका बढ जाती है और सीखने की क्षमता कम हो जाती है। आयरन (लोह तत्व) की आवश्यकता हीमोग्लोबिन संश्लेषण के लिए होती है तथा यह मानसिक कार्य करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो जाता है। पोषण माह में सही पोषण-देश रोशन के उद्देश्य को साकार करना ही हमारा लक्ष्य।
सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर राष्ट्रीय पोषण माह के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ग्राम वासियों को कुपोषण पर जागरुक होने के लिए बताया गया, राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य पोषण संबंधित विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल स्थापित करना और एक सूत्र निगरानी तंत्र के जरिए चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य को हासिल करना है। जिससे एक सशक्त भारत का निर्माण किया जा सके। इस कार्यक्रम के जरिए कुपोषण पर जागरुकता फैलाने के लिए भी लोगों को जागरुक किया गया। ग्राम वासियों को सही खान-पान के बारे में बताया एवं जंक फूड खाने से होने बाले नुकसान भी बताए गए।
ब्लॉक समन्वयक गिरीश शर्मा ने कहा कि कुछ मुख्य खान-पान संबंधित बातें जिससे इसे रोका तथा दूर किया जा सकता है। अपने दैनिक आहार मे हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, अरबी के पत्ते, पुदीना तथा चने, अंजीर व हलीम के बीज शामिल करें। आप अनार, गाजर तथा चुकंदर को सूप, जूस या सलाद के रूप में ले सकते हैं। पोषण माह में सही पोषण-देश रोशन के उद्देश्य को साकार करना ही हमारा लक्ष्य है। ग्राम वासियों को कुपोषण पर जागरूक होने के लिए बताया गया। लगभग खानपान पर विशेष ध्यान दिया, राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य पोषण संबंधित विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल स्थापित करना और एक सूत्र निगरानी तंत्र के जरिए चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य को हासिल करना है। जिससे एक सशक्त भारत का निर्माण किया जा सके। इस कार्यक्रम के जरिए कुपोषण पर जागरूकता फैलाने के लिए भी लोगों को जागरुक किया गया। ग्राम वासियों को सही खान-पान के बारे में बताया एवं जंक फूड खाने से होने बाले नुकसान भी बताए गए।
कार्यक्रम में सेक्टर पर्यवेक्षक ज्योति मिश्रा, भावना नौरीजी, राखी चौधरी, स्वास्थ्य विभाग से सीएमओ अमित कुमार, ग्राम पंचायत भौनपुरा सरपंच नरेन्द्र सिंह भदौरिया, पंचायत सचिव राजेश भदौरिया एवं पंचायत की समस्त आंगनबाडी कार्यकर्ताएं, सहायिकाएं, आशा कार्यकर्ता एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।