भिण्ड, 23 जनवरी। भारत की जनवादी नौजवान सभा द्वारा स्वाधीनता संग्राम सेनानी आजाद हिन्द फौज के संस्थापक एवं जन नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती बस स्टैण्ड तिराह पर स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाया।
इस मौके पर भारत की जनवादी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष विक्रांत दीक्षित एवं एसएफआई के जिला महासचिव राजा राजौरिया ने संयुक्त रूप से कहा कि देश के शहीदों की याद में जो भवन स्थल बने थे उन्हें सरकार मिटा रही है नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से कोलकाता में क्रिकेट स्टेडियम था उसका नाम बदलकर मोदी भाजपा सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी कर दिया, जिस लाल किले में आजाद हिंद फौज के सैनिकों के मुकद्दमे अंग्रेजों ने चलाए थे, आजादी की लड़ाई का प्रतीक 15 अगस्त, 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वह लाल किला भी निजी कंपनियों को दे दिया। 2022 की 26 जनवरी की झाकी से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की झांकी को हटा दिया है। 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद सैनिकों की याद को स्थाई बनाए रखने के लिए अमर जवान ज्योति जो दिल्ली में जल रही थी उस युद्ध के जवानों की शहादत एवं कुर्बानी के कारण पाकिस्तान दो हिस्सों में विभाजित हुआ था, उसे भी भाजपा मोदी सरकार ने नए संसद भवन के लिए कुर्बान कर दिया, पाठ्य पुस्तकों से स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान और कुर्बानियों को हटाया जा रहा है। आने वाली पीढिय़ां महान नायकों को कैसे याद रखेंगे। इस असवस पर अभिषेक यादव, विनय भदौरिया, सत्यम पांडे, कन्हैया राजावत, रेशू यादव, अनुज भदौरिया, दुर्गेश यादव, सीनू खान आदि उपस्थित रहे।