कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास

सतना, 28 नवम्बर। प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मैहर, जिला सतना श्री प्रशांत कुमार शुक्ला के न्यायालय ने शनिवार को थाना अमदरा के चिन्हित सनसनीखेज अपराध क्र.93/2019 अंतर्गत 302 भादवि में कुल्हाड़ी से गर्दन को काट कर धड़ अलग करके हत्या करने वाले आरोपीगण स्वरूप सिंह उर्फ पंजीलाल सिंह पुत्र ज्ञानसिंह उम्र 30 वर्ष एवं अशोक सिंह पुत्र मुन्नासिंह उम्र 34 वर्ष निवासीगण ग्राम टिसकिली कलां, थाना अमदरा को सत्र प्रकरण क्र.132/2019 में दोषसिद्ध पाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य की ओर से अभियोजन का संचालन अभियोजन अधिकारी गणेश पाण्डेय ने किया।
अभियोजन अधिकारी गणेश पाण्डेय के अनुसार अभियोजन मामला संक्षेप मे यह था कि सूचनाकर्ता अशोक यादव का बड़ा भाई मृतक संजू यादव 21 मार्च 2019 को सुबह 11 बजे से अपने खेत पर रखवाली के लिए बनाई गई मड़ैई पर नहीं था, न ही घर आया था। जिसके संबंध में 22 मार्च 2019 को मृतक की पत्नी मोमबाई द्वारा गुम इंसान की सूचना प्रदर्श पी-23 एवं प्रदर्श पी-24 लेख कराई गई। 23 मार्च 2019 को तलाश करने पर सुबह करीब 8:30 बजे सूचनाकर्ता के भतीजा मनोज यादव एवं हरिशरण यादव ने आवाज देकर उसको बुलाया तो वह दौड़कर गया और देखा कि रामप्रसाद यादव के गेहूं के खेत में उसके भाई संजू यादव का मृत शरीर पड़ा था, जिसका सिर नहीं था एवं सिर लगभग 10 कदम की दूरी पर पड़ा था और खेत की मेड़ पर भी खून था। मृतक की माला भी खून से लथपथ वहीं पड़ी थी। अज्ञात लोगों द्वारा संजू की गला काटकर हत्या कर दी थी एवं गेहूं के खेत में शरीर व सिर छिपा दिया था। सूचनाकर्ता द्वारा दी गई सूचना के आधार पर देहाती नालसी एवं मर्ग इंटीमेशन प्रदर्श पी-1 एवं प्रदर्श पी-2 लेख की गई जिसके आधार पर थाना अमदरा के अपराध क्र.93/2019 की प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी-29 एवं मर्ग इंटीमेशन क्र.19/19 प्रदर्श पी-27 लेख की गई। मौके से खून आलूदा एवं सादी मिट्टी, माला एवं मृतक का जूता जप्त कर जप्ती पत्रक प्रदर्श पी-10 लगायत प्रदर्श पी-13 बनाया गया। विवेचना में मृतक के शव से संबंधित पंचायतनामा प्रदर्श पी-3 एवं प्रदर्श पी-4 बनाया गया। मृतक का शव परीक्षण कराया जाकर रिपोर्ट प्रदर्श पी-40 प्राप्त की गई नक्शा मौका एवं नजरी नक्शा प्रदर्श पी-5, प्रदर्श पी-6 एवं प्रदर्श पी-7 बनाया गया। विवेचना में आरोपीगण स्वरूप सिंह एवं अशोक सिंह द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मेमोरेण्डम प्रदर्श पी-14 एवं प्रदर्श पी-15 लेख किया गया, जिसमें आरोपीगण ने मृतक की हत्या किए जाने एवं अपराध में प्रयुक्त कुल्हाड़ी एवं खून लगे कपड़े आदि की जानकारी दी, जिसके आधार पर कुल्हाड़ी एवं आरोपीगण के कपड़े एवं चप्पल जप्त कर जप्ती पत्रक प्रदर्श पी-16 लगायत प्रदर्श पी-18 बनाया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा प्रदर्श पी-19 एवं प्रदर्श पी-20 बनाया गया। विवेचना के अनुक्रम में शव परीक्षण उपरांत मृतका के आंतरिक अगों को चिकित्सालय से प्राप्त कर जप्ती पत्र प्रदर्श पी-28 बनाया गया तथा रासायनिक विष की जांच क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला से कराई गई, जहां से रिपोर्ट प्रदर्श पी-49 प्राप्त हुई, जिसमें मृतक के बिसरा में रासायनिक विष होना नहीं पाया गया। घटनास्थल से जब्तशुदा वस्तुओं तथा आरोपीगण के कपड़ों, कुल्हाड़ी एवं मृतक के कपड़ों पर लगे खून के संबंध में राज्य न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर से डीएनए प्रोफाईल की जांच भी कराई गई, जिससे संबंधित रिपोर्ट प्रदर्श पी-50 प्रस्तुत की गई है, जिसमें मृतक के कपड़ों पर प्राप्त डीएनए प्रोफाईल आरोपीगण के कपड़ों तथा कुल्हाड़ी पर एक समान डीएनए प्रोफाईल होना प्रतिवेदित हुई है। साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए एवं बाद आवश्यक अनुसंधान अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। 25 अप्रैल 2019 को अभियोग पत्र प्रस्तुत होने पर विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी मैहर द्वारा दाण्डिक प्रकरण क्र.258/2019 पंजीबद्ध किया गया। मामला सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होने के कारण मामले को विचारण हेतु सत्र न्यायाधीश सतना को उपार्पित किया गया। उपार्पण के उपरांत यह सत्र प्रकरण क्र.132/2019 पंजीबद्ध किया गया तथा मामले को विचारण हेतु सत्र न्यायाधीश सतना द्वारा न्यायालय को अंतरित किया गया। आरोपीगण के विरुद्ध धारा-302 भादंवि, 302 सहपठित धारा-34 एवं धारा-201 भादंवि के अंतर्गत दण्डनीय अपराध का आरोप विरचित कर आरोपीगण को पढ़कर सुनाए व समझाए जाने पर आरोपीगण ने अपराध अस्वीकार किया तथा उनका विचारण प्रारंभ किया गया। धारा-313 दंप्रसं के अंतर्गत आरोपीगण का परीक्षण किए जाने पर उन्होंने व्यक्त किया कि उन्हें रामबहादुर यादव और ज्वाला यादव ने चुनावी रंजिश के कारण पुलिस से मिलकर झूठा फंसाया है। अभियोजन द्वारा कुल 13 अभियोजन साक्षी प्रस्तुत किए गए थे और कुल 50 दस्तावेज प्रदर्शित कराए गए एवं कुल दो आर्टिकल न्यायालय के समक्ष पेश किए गए थे। हत्या का हेतुक आरोपीगण का मृतक से पूर्व का विवाद था।