आलमपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाई गईं 15 दुकानें प्रशासन ने तोड़ी

भिण्ड, 12 नवम्बर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद लहार विधानसभा के आलमपुर में प्रशासन द्वारा 28 वर्ष पुराने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई।
जानकारी के अनुसार सन् 1997 में बस स्टैण्ड के बगल से नगर परिषद के सामने की जमीन पर तेजबहादुर पुत्र शिवनारायण सिंह चौहान जो पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के ममेरे भाई बताए जाते हैं, जिनके द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर 15 दुकानों का निर्माण कर लिया गया था, उसी जमीन के पीछे दयाराम कौरव का खेत था, जिनके द्वारा 2003 में याचिका दायर की गई थी, जिसको लेकर 2005 में निर्णय हुआ, जिस पर धारा 248 के तहत आलमपुर उपतहसील में कार्रवाई की गई। वहीं सन् 2006 में तत्कालीन विधायक लालसिंह आर्य ने अतिक्रमण को लेकर विधानसभा में एक प्रश्न लगाया था, उस पर कार्रवाई की गई और उसी दिन आलमपुर उपतहसील ने उक्त जमीन को लेकर निर्णय कर दिया और उक्त जमीन पर अतिक्रमण पाया जिसके बाद तेजबहादुर चौहान हाईकोर्ट गए और वहां से स्टे लेकर आए। लेकिन पुन: दयाराम कौरव की रिव्यू पर हाईकोर्ट ने लहार एसडीएम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसी दौरान सन् 2012 में याचिकाकर्ता दयाराम कौरव का निधन हो गया और इसके बाद पूरे मामले को उनके पुत्र उमाशंकर कौरव चलाते रहे। जिस पर सन् 2006 के आलमपुर उपतहसील के फैसले को यथावत रखते हुए कार्रवाई की गई। इस अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रशासन को 28 वर्ष का समय लगा पर आज कार्रवाई करते हुए शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाई गई। आलमपुर में नगर परिषद कार्यालय के सामने शासकीय जमीन के सर्वे क्र.759/1 पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई 15 दुकानों को प्रशासन ने बुधवार को बुल्डोजर चलाकर तुड़वा दिया।
बता दें कि उक्त शासकीय जमीन पर 28 साल पहले अवैध रूप से कब्जा कर दुकानों का निर्माण कर लिया गया था, जिसका प्रकरण आलमपुर उपतहसील से लेकर हाईकोर्ट तक चलता रहा, मगर राजनैतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी, लेकिन आखिरकार हाईकोर्ट की सख्ती के बाद बुधवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने बुल्डोजर चलाकर अतिक्रमण को तोड़ दिया। इस दौरान लहार तहसीलदार दीपक शुक्ला, नगर परिषद सीएमओ अतुल रावत मौजूद रहे। वहीं किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आलमपुर थाना प्रभारी रवि उपाध्याय, दबोह थाना प्रभारी राजेश शर्मा, थाना लहार लहार शैलेन्द्र सिंह समेत क्यूआरएफ की टुकड़ी मौजूद रही।