जीव की योग्यता खुद के कर्म के आधार पर होती है : विहसंत सागर

भिण्ड, 19 जुलाई। आचार्य भगवन हमें बहुत अच्छी बात बताने, समझाने का प्रयास कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जीव की योग्यता खुद के कर्म के आधार पर है, जैसे आप चार भाई हैं तो देखना की एक ही मां के पुत्र होने पर सभी का भाग्य अलग-अलग रहता है, एक होशियार होगा तो दूसरा कमजोर, हम यह नहीं कह सकते कि पिता के बराबर होशियार हो, लेकिन सौ में ऐसे एक आदि ही होगा जो पिता से अधिक होशियार होगा यह सब स्व कर्म के आधार पर है। यह उद्गार विराग मण्डप बगिया में विराजमान मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ने व्यक्त किए। इस अवसर पर भिण्ड सीएसपी निरंजन राजपूत ने महाराज से आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि सभी धर्म के भगवान हाथ उठाकर आशीर्वाद देते हैं, पूरे ब्रह्माण्ड के फोटो मन्दिरों में देख लेना, लेकिन दिगंबर आमना के भगवान हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं, जितनी शांति वीतराग अवस्था में है उतनी शांति कहीं नहीं मिलेगी। सब कुछ करने वाले जीव इस धरा पर बहुत हैं, लेकिन कुछ नहीं करने वाले केवल दिगंबर संत हैं, जो ना नहाते हैं, ना हीं मंजन करते हैं, ना हीं ब्यूटीशियन के पास जाते हैं। जैसे हैं वैसे रहते हैं, कोशिश करते हैं कि व्रत संयम के प्रति कम बोलें, कम मिलें, जितना परिचय बढाओगे उतना संकट में जाओगे, उतना नर्क का द्वारा खुलेगा, अंतरंग बहिरंग को छोड देने की दशा को महायोगी की दशा कहा गया है।
सायंकालीन सभा में चल रही है गुरूभक्ति आनंद यात्रा
मेडिटेशन गुरू उपाध्याय व्यसन सागर महाराज, मुनी विश्वसाम्य सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में सायंकालीन सभा में गुरू भक्ति आनंद यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बालिकाओं द्वारा भक्ति नृत्य, प्रश्न मंच कार्यक्रम एवं आरती का भव्य आयोजन किया जाता है।