5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन बना मजाक : डॉ. भारद्वाज

-भिण्ड शिक्षा विभाग ने राज्यशिक्षा केन्द्र के आदेश की उडाई धज्जियां

भिण्ड, 25 मार्च। भिण्ड जिले में चल रही पांचवी औठ आठवी की बोर्ड परीक्षाओं को जिला शिक्षा विभाग ने मजाक बना दिया है। जिला शिक्षा और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षा माफियों के आगे नतमस्तक होते हुए उनको खुश करने हेतु राज्य शिक्षा केंद्र के आदेश की ही धज्जियां उडा दी। यह आरोप कांग्रेस के प्रवक्ता और प्रदेश कांग्रेस मीडिया पैनलिस्ट डॉ. अनिल भारद्वाज ने अपने मीडिया कार्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए लगाए।
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जिस प्रकार से पेटी कॉन्टेक्ट के रूप में पर्ची वाली सरकार के पर्ची वाले मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। उसी प्रकार भिण्ड में ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भिण्ड का शिक्षा विभाग पेटी कॉन्टेक्ट पर माफियाओं के लिए कार्य कर रहा हो। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश क्र.217772/2025 में बोर्ड परीक्षा पांचवीं और आठवीं के वार्षिक मूल्यांकन हेतु शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए एक खण्ड से दूसरे खण्ड के शिक्षकों को मूल्यांकन हेतु लगाने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि भिण्ड में जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश क्र.2664/2025 के अनुसार स्थानीय प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को ही नियुक्त कर दिया। इसके साथ एक ही ब्लॉक के एक खण्ड के शिक्षकों को मूल्यांकन हेतु लगाया गया है। और तो और मूल्यांकन में प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को भी तैनात करने का आदेश दिया है। इससे स्पष्ट है जिस प्रायवेट और सरकारी स्कूल के बच्चों ने परीक्षा दी उसी विद्यालय के शिक्षक उत्तर पुस्तिका चेक कर मूल्यांकन करेंगे। कांग्रेस ने प्रश्न करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा तो फिर बोर्ड परीक्षा करने का क्या जरूरत थी, वैसे ही पास कर देते। ये बच्चों के भविष्य के साथ खतरा है।
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जिला कलेक्टर को सिर्फ रेत दिखता है, उन्हें चाहे हॉस्पिटल हो शिक्षा विभाग हो, बिजली विभाग हो हर विभाग में लूट और गडबडियां हो रही हैं, लेकिन उन्हें दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि अगर भिण्ड कलेक्टर को खनन कंपनी को लाभ पहुंचाने से फुर्सत मिल गई हो तो जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य जिम्मेदार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निलंबित कर जांच कराए और बच्चों के भविष्य को अंधकार होने से बचाए।