– राकेश अचल
भारतीय जनता पार्टी चुनावों के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है, इसीलिए मैं भाजपा का अनन्य प्रशंसक हूं। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदि अमेरिका में जाकर डोनाल्ड ट्रम्प का प्रचार कर सकते हैं तो मॉरीशस जाकर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए भी चुनाव प्रचार का श्रीगणेश कर सकते हैं। उन्होंने ऐसा कर दिखाया भी। मोदी जी को इस दूरदर्शिता और दुस्साहस के लिए हार्दिक बधाई।
हमारे प्रधानमंत्री मॉरीशस गए तो थे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनकर, लेकिन वहां जैसे ही उन्हें भारतीय समाज के बीच जाने का मौका मिला, उन्होंने अनौपचारिक रूप से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव अभियान शुरू कर दिया। मोदी जी ने बिहार में नालंदा विश्विद्यालय के उन्नयन के लिए केन्द्र सरकार के काम के साथ ही बिहार में मखाना उद्योग के लिए हाल के बजट में किए गए प्रावधानों का भी उल्लेख कर दिया। आपको पता ही है कि मॉरीशस में कोई दो सदी पहले अंग्रेज जिन गिरमिटिया भारतीय मजदूरों को भरकर ले गए थे उनमें बहुत से बिहारी थे। मोदी जी ने पोर्ट लुई में भारतीय मूल के लोगों के बीच हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा भोजपुरी भाषा में भी अपने प्रवचन दिए।
प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय मॉरीशस के आधिकारिक दौरे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ देने की घोषणा की। मोदी मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। रामगुलाम ने पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में ये घोषणा की। इसी कार्यक्रम में मोदी जी ने भारतीय मूल के लोगों के बीच अपनी पार्टी के एजेंडे में शामिल रामजी का भी उल्लेख किया और महाकुम्भ का भी। मोदी जी मॉरीशस के भारतियों के लिए त्रिवेणी का गंगाजल भी आपने साथ लेकर गए है। इस गंगाजल को पोर्ट लुई के गंगा तालाब में डाला जाएगा ताकि लोग इसमें स्नान, आचमन कर कुम्भ का पुण्य लाभ उठा सकें।
मोदी जी का अनुशरण भाजपा वाले योगी जी कर रहे हैं या योगी जी का अनुशरण मोदी जी, ये पता नहीं चल रहा। क्योंकि गंगाजल का परिवहन योगी जी ने शुरू कराया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तमाम जेलों में गंगाजल भिजवाकर कैदियों को कुम्भ लाभ दिलवाया। हमारे मध्य प्रदेश में तो अनेक मंत्री-संतरी टेंकरों में भरकर त्रिवेणी से गंगाजल लेकर आए और घर-घर बटवा रहे हैं, ठीक उसी तर्ज पर जिस तरह कोविड के दिनों में नेता ऑक्सीजन सिलेंडर बंटवाया करते थे। वोट और समर्थन हासिल करने के लिए हमारे मोदी जी कुछ भी कर सकते हैं। मोदी जी को राम राज्य के विस्तार और बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के श्रीगणेश के साथ ही उन्हें मॉरीशस का सर्वोच्छ नागरिक सम्मान मिलने की बहुत-बहुत बधाई।
चुनाव कैसे लड़ा जाता है, चुनाव प्रचार कैसे किया जाता है, ये विपक्ष को मोदी जी सीखना चाहिए। नहीं सीख रहा इसीलिए 11 साल से सत्ता से दूर हैं और 2047 तक उसे इसी तरह सत्ता से दूर रहना पडेगा। मोदी जी का क्या भरोसा कि वे मॉरीशस में रहने वाले बिहार मूल के लोगों को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बुला लें। उन्हें मताधिकार उपहार में दे दें। मोदी जी जब ट्रम्प को भारत बुलाकर चुनाव प्रचार करा सकते हैं तो मॉरीशस की जनता कहां लगती है? मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की तो क्या जुर्रत कि वे मोदी जी का आग्रह ठुकरा दें। मोदी जी ने नवीन सर को ये भी याद दिलाया कि पटना के गांधी मैदान में मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे सर शिव सागर रामगुलाम की आदमकद प्रतिमा भी भारत सरकार ने लगवाई है, जो दोनों देशों के प्रगाढ़ रिश्तों का प्रतीक है।
मुझे तो लगता है की मोदी जी मॉरीशस को अपना ही एक राज्य मानकर भाषण दे रहे थे पोर्ट लुई में। भारत का गोदी मीडिया यदि मोदी जी के पोर्ट लुई के चुनावी भाषण का सीधा प्रसारण न करता तो मैं इसे चुनावी भाषण कहता ही नहीं, लेकिन इस भाषण को मोदी जी भारत वासियों को ही नहीं, बल्कि बिहारियों को भी सुनवाना चाहते थे, इसलिए उसका सीधा प्रसारण भी कराया गया। अन्यथा ये भाषण कोई संयुक्त राष्ट्र महासभा में थोड़े ही दिया गया था।
मोदी जी ने भारतीय शिष्टाचार का पूरा ख्याल रखा। मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखुल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति को कई चीजें भेंट की है, जिसमें महाकुंभ से संगम का जल और सुपर फूड मखाना भी शामिल है। इसके अलावा पीएम ने गोखुल की पत्नी वृंदा गोखुल को बनारसी सिल्क की साड़ी भी भेंट की है। ये बात और है कि मोदी जी ने अपनी सगी पत्नी को न गंगाजल भेजा और न कोई साड़ी। बेचारी ये खबर देखकर जल-भुनकर रह गई होंगी। लेकिन मैं किसी के निजी मामले में मदाखलत नहीं करना चाहता। मैं तो चाहता हूं कि मोदी जी इसी तरह पूरी तीव्रता से दुनिया में अपनी पार्टी का एजेंडा और चुनाव प्रचार का अभियान जारी रखें। चुनाव प्रचार पोर्ट लुई से किया जाये या पटना से, कोई फर्क नहीं पड़ता। बात बिहार की, लिट्टी चोखा की, मखाने की होना चाहिए।
मुझे एक ही हैरानी है कि मोदी जी ने 200 साल पुराने इतिहास से तो अपने आपको जोड़ा, लेकिन 400 साल पुराने इतिहास को याद तक नहीं किया, अन्यथा ये मौका था कि वे जिस तरह से बिहार के मखाने का जिक्र कर रहे थे, उसी तरह महाराष्ट्र के संभाजी राव और औरंगजेब का भी कोई किस्सा मॉरीशस वालों को सुना देते। मोदी जी आखिर कुछ भी कर सकते हैं। बहरहाल मोदी जी को मिले तमाम दूसरे अंतर्राष्ट्रीय नागरिक सम्मानों की फेहरिश्त में एक और नाम मॉरीशस का भी जुड़ गया है। मेरा केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वो मोदी जी के कालखण्ड को प्रधानमंत्री संग्रहालय के सुपुर्द करने के बजाय उनके लिए अलग से चार मूर्ति भवन बनवाएं। तीन मूर्ती भवन तो नेहरू जी बहुत पहले बनवा चुके हैं।