असली चैम्पियंस का सुयश, यानि जय हो

– राकेश अचल


एक लम्बे अरसे से न क्रिकेट का खेल देखा और न क्रिकेट पर कुछ लिखा ही, गंदी राजनीति से ही फुर्सत नहीं मिल रही थी, लेकिन रविवार की रात आम हिन्दुस्तानियों की तरह मेरे लिए भी क्रिकेट की रात थी। मुझे खुशी है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर भारत का सयुश एक बार फिर बढाया। ये जीत भारतीयता की जीत है। क्योंकि इस टीम में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की तरह खिलाडियों का चयन नहीं किया गया था।
भारतीय क्रिकेट टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराते हुए अपनी तीसरी ट्रॉफी जीती तो पूरे देश ने चार दिन पहले ही होली मना ली। हमारे यहां खेल भी त्यौहार हैं और त्यौहार ही खेल। इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए न्यूजीलेंड टीम ने भारतीय टीम को 252 रन का लक्ष्य दिया था। भारतीय टीम (जिसे हम टीम इंडिया कहते हैं) ने 49 ओवर में 6 विकेट खोकर चेंज कर लिया। इस जीत के साथ जहां भारतीय टीम सबसे ज्यादा चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम बन गई, वहीं टीम के कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने भी एक रिकार्ड तोड दिया। मुझे क्रिकेट का ककहरा भी नहीं आता, लेकिन एक जमाना था जब मैं क्रिकेट के मैदान में भी होता था और अपने अखबार जनसत्ता के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय मैचों पर लिखता भी था।
बहरहाल आज मैं रविवार के मैच का विश्लेषण नहीं कर रहा। इसके बारे में तो विशेषज्ञ अपना काम कर चुके हैं। मैं तो ये रेखांकित करने की कोशिश कर रहा हूं कि जिस तरह से भारतीय टीम में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब हैं, उसकी वजह से हमें यानि भारतीय टीम को ये सयुश हासिल हुआ। हमारी भारतीय टीम में फिलहाल हमारी सरकार हिन्दू-मुसलमान चाह कर भी नहीं कर पाई। हमारी टीम में हिन्दू ज्यादा हैं, लेकिन एक मुसलमान भी है। हमारी टीम केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की तरह केवल हिन्दुओं की टीम नहीं है, जिसमें एक भी मुसलमान नहीं है।
आप कहेंगे कि खेल में कहां हिन्दू-मुसलमान ले आए? तो जान लीजिए कि खेल में ही नहीं, भारतीय समाज के हर हलके में हिन्दू-मुसलमान शुरू से रहे हैं और आगे भी रहेंगे। हालांकि आज की सरकार ये नहीं चाहती। आज की सत्ता जिन दलों के हाथों में है वे मुसलमानों को हिन्दुओं से अलग कर देने पर आमादा हैं। उन्हें होली से दूर करना चाहते हैं, दीवाली से दूर करना चाहते हैं। एक हद तक इस अभियान में सत्ता प्रतिष्ठान को इस दिशा में कामयाबी भी मिली है, किन्तु ये कामयाबी भारतीय क्रिकेट टीम की कामयाबी जैसी सतरंगी नहीं है। चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा हैं, तो शुभमन गिल उप-कप्तान हैं। विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेट कीपर), ऋषभ पंत (विकेट कीपर), हार्दिक पंड्या, यशस्वी जायसवाल, रवीन्द्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर भी। ये एक खूबसूरत टीम है। आदर्श टीम है और ये संकेत देती है कि हर दिशा में हमारी टीम ऐसी ही होना चाहिए। किसी धर्म या जाति के लिए जैसे क्रिकेट प्रतिबंधित नहीं है वैसे ही राजनीति भी प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए। अर्थात चाहे केन्द्र की सरकार हो या राज्यों की, सरकारें यदि उनमें कोई मोहम्मद शमी नहीं होगा तो टीम को पूरा नहीं कहा जा सकता। दुर्भाग्य से राजनीति की टीम में मोहम्मद शमी को जान-बूझकर दूर रखा जा रहा है।
पिछले दिनों देश में जिस तरह से गढे मुर्दे उखाड कर राजनीति की जा रही है, उसे भारतीय क्रिकेट टीम की टीम भावना से कुछ सीखना चाहिए। औरंगजेब और तुगलक के नाम और उनकी बिरादरी से घिन करने वाले नेताओं को देखना चाहिए कि जैसे हम सब स्वतंत्रता आंदोलन में साथ-साथ थे, जैसे हम खेल के मैदान में साथ-साथ हैं, वैसे ही हम राजनीति के मैदान में साथ-साथ रहेंगे तो हमारा सुयश बढेगा, घटेगा नहीं। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तानों की फेहरिश्त पर यदि नजर डालें तो आप पाएंगे कि अब तक हुए 33 कप्तानों में से भारतीय टीम की कप्तानी इफितखार अली खान पटौदी, गुलाम अहमद, मंसूर अली खान पटौदी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में भी सौंपी गई। आज ये विश्वास किसी मुसलमान खिलाडी पर हमारे चयनकर्ता यदि करते हैं तो उसे ही असली खेल भावना माना जाता है। राजनेताओं को भी इसी तरह से राजनीति में टीमें बनाना चाहिए। उन्हें मान लेना चाहिए कि मुसलमान अस्पृश्य (अछूत) नहीं हैं। उनको साथ रखना भी उतना ही जरूरी है जितना कि आटे में नमक।
मुझे पता है कि इस आलेख पर भी मेरे अनेक परिचित-अपरिचित पाठक नाराज होंगे, लेकिन मैं तो जो सोचता हूं आपसे छिपाता नहीं, क्योंकि मेरा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। मैं किसी दल विशेष के लिए नहीं लिखता। मैं आम भारतीय लेखक हूं। एक नामालूम लेखक। नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसा लेखक। मुझे जितना पढा या सुना जा रहा है मेरे लिए वही बहुत है। एक बार फिर सभी देशवासियों को खेल में मिले सुयश की बधाई और खिलाडियों को शुभकामनाएं।