हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, न्यायालय ने आरोपी पर लगाया तीस हजार का जुर्माना

दस साल बाद मृतिका को मिला न्याय

सतना, 23 अक्टूबर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मैहर जिला सतना श्री प्रशांत शुक्ला के न्यायालय ने हत्या के अपराध में आरोपी बबलू उर्फ मानसिंह को आजीवन कारावास एवं आम्र्स एक्ट के अपराध में कुल छह वर्ष के अन्य कठोर कारावास तथा 30 हजार रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। प्रकरण में मप्र राज्य की ओर से संचालन अभियोजन अधिकारी गणेश पांडेय ने किया।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला सतना हरिकृष्ण त्रिपाठी ने घटना के बारे में बताया कि 16 जनवरी 2012 को आरोपी बबलू उर्फ मानसिंह उम्र 33 वर्ष पुत्र बद्री उर्फ ददन सिंह पटेल निवासी पोड़ी गरादा, थाना उचेहरा, जिला सतना ने शाम 5:30 बजे के लगभग विवेक नगर मैहर निवासी आरबी सिंह के घर में मृतिका भारती उर्फ मीनू उम्र 20 वर्ष को उसके घर से बुलवाकर 315 बोर के देशी कट्टे से गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी मृतिका से विवाह करना चाहता था, लेकिन मृतिका ने आरोपी से विवाह करने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण आरोपी ने भारती उर्फ मीनू की हत्या कर दी। हत्या करके जैसे ही आरोपी भागने लगा, मृतिका के चाचा गोली चलने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे तो आरोपी उन्हें कट्टा दिखा कर डरा कर मौके से भाग गया। तब मृतिका के पिता हरिचरण सिंह पटेल जो कि स्टेट बैंक शाखा मैहर में कर्मचारी हैं की सूचना पर मैहर थाना में अपराध क्र.55/12 की प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखी गई और तत्कालीन निरीक्षक बीएस धुर्वे ने अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। आरोपी घटना के बाद लगातार छह वर्ष तक फरार रहा, हत्या के प्रयास के अन्य मामले में आरोपी की गिरफ्तारी कोतवाली कटनी में निरीक्षक शैलेश मिश्रा द्वारा की गई, तब आरोपी इस मामलें में मैहर न्यायालय में प्रोडक्शन वारंट पर उपस्थित हुआ। जहां आरोपी पर आरोप विरचित किया गया। आरोपी ने आरोप से इन्कार किया और विचारण चाहा। आरोपी का बचाव यह था कि भारती ने आत्म हत्या की है, किंतु विचारण न्यायालय ने आरोपी के इस बचाव को प्रमाणित नहीं माना। आरोपी ने दो बचाव साक्षी भी पेश किए थे, जिनके द्वारा वह यह प्रमाणित करना चाहता था कि घटना के समय उसकी उपस्थिति घटना स्थल पर न होकर अन्यत्र पोड़ी गरादा के मेले में थी, किंतु विचारण न्यायालय द्वारा आरोपी के इस बचाव को भी साक्ष्य पर से प्रमाणित नहीं माना गया। अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी गणेश पाण्डेय ने 13 अभियोजन साक्षी पेश किए। विचारण न्यायालय द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को घटना/ आरोप को युक्ति युक्त रूप से प्रमाणित पाते हुए आरोपी को दोषसिद्धि किया गया एवं धारा 302 भादवि के अपराध में आजीवन कारावास, 25(1बी)(ए)आम्र्स एक्ट में एक वर्ष के तथा 27 आम्र्स एक्ट में पांच वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया।