धोखाधडी करने वाला विदेशी नागरिक एवं महिला दिल्ली से गिरफ्तार

ग्वालियर, 20 अक्टूबर। विजनेस करने नाम से धोखाधडी करने वाले आरोपी व उसकी महिला साथी को क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से एक लैपटोप, पांच मोबाइल, चार डेबिट कार्ड, 17 हजार 500 रुपए नगद बरामद किए हैं। फिलहाल गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ चल रही है। पुलिस को अंदेशा है कि इस मामले में और अन्य खुलासे हो सकते हैं।
दरअसल पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह को विजय शर्मा निवासी सिटी सेंटर ने एक शिकायती आवेदन पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने बताया कि मुझे फेसबुक व व्हाटसएप पर एक लडकी ने संपर्क किया और बताया कि वह ब्रिटेन में फार्मा कंपनी में एनालिस्ट के पद पर कार्यरत है। कंपनी में ओवेसिटी की दवाई तैयार करने के लिए एक हर्बल प्रोडेक्ट की जरूरत है, जोकि भारत में हैदराबाद के पास जिला रंगारेड्डी में एक एग्रोहर्बल फर्म द्वारा तैयार कर बेची जाती है। अगर इसे हमारी कंपनी के लिए सप्लाई करेंगे तो वह इसका ऑर्डर दिला देंगे। 100 ग्राम दवा में 10 सैंपल होते हैं और आपको आठ लाख रुपए का प्रति सैंपल पडेगा, इसके लिए कंपनी द्वारा आवेदक को 10 लाख रुपए प्रति सैंपल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस फर्म से सैंपल खरीद कर उसका फोटो कंपनी की मेल आईडी पर भेज दीजिए। भरोसे में आकर मैंने आठ लाख रुपए के सैंपल खरीद कर एग्रोहर्बल फर्म कंपनी द्वारा बताए अनुसार पैसे ट्रांसफर करता रहा। बाद में मुझे 10 पैकेट कोरियर से प्राप्त हुए जिसका फोटो कंपनी को भेजा उसके बाद सोशल मीडिया पर मेरी फ्रेंड ने बताया कि आप उक्त सैंपल लेकर दिल्ली आ जाइए वहां पर हमारा रिप्रेजेंटेटिव मिलेगा।
कम से कम होने चाहिए 50 सेंपल
जब उक्त युवक दिल्ली पहुंचा, वहां उसे एक नाईजीरियन व्यक्ति मिला, जिसने अपने आपको फार्मा कंपनी का रिप्रजेंटेटिव बताया। उसने कहा कि सैंपल तो सही है लेकिन कम से कम 50 सैंपल होने चाहिए, तभी आपको 10 लाख रुपए कंपनी देगी और आपका ऑर्डर लिया जाएगा। लालच में आकर मेरे द्वारा कुल 49 लाख रुपए की हर्वल के प्रोडक्ट ऑर्डर कर दिए गए।
धोखाधडी का इस तरह हुआ आभास
जब टोटल प्रोडक्ट आने पर मैंने उनसे पैकेट भेजने व पेमेंट के बारे में कहा गया तो इन लोगों ने कहा कि अभी आपको और पैकेट ऑर्डर करने होंगे, तभी हम आपका माल ले पाएंगे। इस बात पर मुझे शंका हुई तब हर्बल प्रोडक्ट कंपनी के बारे में जानकारी ली तो सामने आया कि इस नाम की कोई कंपनी ही नहीं है। मुझे आभास हो गया कि मेरे साथ फ्रॉड हो गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के परिपालन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच अजय सिंह पंवार व सायबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह तोमर ने आवेदक की शिकायत पर से पंजीबद्ध अपराध की तकनीकी विवेचना हेतु सायबर क्राइम टीम को आदेशित किया। विवेचना में सामने आया कि जिन नंबरों से फरियादी के पास कॉल किए गए हैं व व्हाट्सएप पर संपर्क किया गया, वह नॉर्थ ईस्ट के हैं, जो दिल्ली एवं नोएडा से ऑपरेट हो रहे हैं।
महिला व उसका अफ्रीकन मूल का साथी मिला फ्लैट में
तकनीकी जानकारी के आधार पर पहुंचे और दबिश दी तो महिला व एक उसका अफ्रीकन मूल का साथी फ्लैट में मिले, जिनसे पूछताछ की तो पता चला कि जो अफ्रीकन व्यक्ति है, वह कुछ समय पहले नोएडा में संचालित हो रहे एक सायबर फ्रॉड कॉल सेंटर में कार्य करता था कुछ समय पहले नोएडा में बाहर की पुलिस ने रेड की थी, वहीं उसके दोस्त सायबर फ्रॉड का कार्य करते थे जिनसे उसने सायबर फ्रॉड कर ना सीखा और दिल्ली में आकर महिला व उसके अन्य अफ्रीकन व नॉर्थ इस्ट के दोस्तों के साथ मिलकर सायबर फ्रॉड करने लगा है। दोनों अफ्रीकन मूल के टेरीओवो पुत्र ओवोसुलोमोन उम्र 29 वर्ष निवासी 2बी/9 किशनगढ मैहरोली दिल्ली व महिला वीनस रावत पुत्री हरेन्द्र सिंह रावत उम्र 20 वर्ष निवासी शताब्दीनगर दिल्ली रोड मेरठ उप्र को गिरफ्तार कि गया। इस कार्रवाई में निरीक्षक अजय पंवार एवं राजेश सिंह तोमर, उपनिरीक्षक हरेन्द्र सिंह राजपूत, कीर्ती अजमेरिया, धर्मेन्द्र शर्मा, रवि लोधी, प्रधान आरक्षक सुनील शर्मा, मुकेश चौहान, सतेन्द्र कुशवाह, सुरेन्द्र तोमर, आरक्षक शिवशंकर शुक्ला, ओमशंकर सोनी, सुमित सिंह भदौरिया, गौरव पवार, श्यामू मिश्रा, नवीन पाराशर, आशीष शर्मा, कपिल पाठक, जेनेन्द्र गुर्जर, शिवकुमार यादव, सोनू प्रजापति, प्रदीप यादव, सुनीता कुशवाहा, मेघा श्रीवास्तव की सराहनीय भूमिका रही।