विनोवाजी ने चंबल के दस्युओं को आत्मसमर्पण का रास्ता दिखाया

सर्वोदय आश्रम में मनाई आचार्य विनोवा भावे की जयंती

भिण्ड, 11 सितम्बर। कुख्यात दस्युओं से चंबल घाटी को आजाद करने के लिए आचार्य विनोवा भावे ने यहां आकर उन्हें आत्म समर्पण के लिए प्रेरित किया था। यह बात सर्वोदय आश्रम हमीरापुरा में आयोजित आचार्य विनोवा भावे की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सर्वोदय संत लल्लूदद्दा जनसेवा समिति के सचिव पहलवान सिंह भदौरिया ने व्यक्त किए। कार्यक्रम के आरंभ में विनोवा भावे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सर्वधर्म प्रार्थना की गई।
आचार्य विनोवा भावे के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चंबल घाटी 1960 के दशक में दस्यु प्रभावित थी। कई दुर्दांत दस्यु इस घाटी में पनाह लेकर आतंक का पर्याय बने हुए थे। उस समय सर्वोदय संत लल्लूदद्दा विनोवा जी से मिले और उन्हें अपने भिण्ड जिले में लेकर आए। विनोवा जी ने चंबल के बीहड़ों में पनाह ले रहे दस्युओं से मुलाकात की और उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का काम किया। इसके पश्चात दुस्युओं के आत्म समर्पण का सिलसिला शुरू हो गया और आखिरकार चंबल की धरा दुस्युओं के आतंक से मुक्त हो गई। इस अवसर पर अभिषेक सिंह भदौरिया, विकास सिंह, आदित्य सिंह, राघवेन्द्र सिंह, शत्रुघ्न सिंह, राजबहादुर सिंह, शिवनाथ तोमर, राजीव सिंह राजावत, अयोध्या प्रसाद शर्मा आदि मौजूद रहे।