समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटे अनाज के उपार्जन हेतु पंजीयन केन्द्र बने

भिण्ड, 09 सितम्बर। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण भोपाल द्वारा दिए गए निर्देर्शों के अनुक्रम में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटे अनाज (ज्वार एवं बाजरा) कृषकों के पंजीयन के लिए जिला उपार्जन समिति की अनुषंसा पर कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस द्वारा जिले के विकास खण्डों में पंजीयन केन्द्र स्थापित किए हंै। किसान उक्त पंजीयन केन्द्रों पर जाकर अपना पंजीयन कराना सुनिश्चित करें।
जिन विकास खण्डों में पंजीयन केन्द्र निर्धारित किए गए हैं उनमें विकास खण्ड अटेर अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था उदोतगढ़, अटेर एवं दुल्हागन, विकास खण्ड गोहद अंतर्गत विपणन सेवा सहकारी संस्था गोहद, सेवा सहकारी संस्था शेरपुर (रायतपुरा), बाराहेड़, सर्वा, एण्डोरी, शेरपुर, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बरोना, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति चितौरा, प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था ऐनो एवं विपणन सहकारी संस्था मौ, विकास खण्ड भिण्ड अंतर्गत विपणन सहकारी संस्था भिण्ड, सेवा सहकारी संस्था बिरधनपुरा, फूफ, ऊमरी, दीखतन का पुरा, अकोड़ा एवं दीनपुरा, विकास खण्ड मेहगांव अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था गोरमी, सुनारपुरा, विपणन सहकारी संस्था मेहगांव एवं सेवा सहकारी संस्था अमायन, विकास खण्ड रौन अंतर्गत प्राथमिक सेवा सहकारी संस्था अचलनपुरा (मिहोना हेतु), प्राथमिक सेवा सहकारी संस्था अचलनपुरा (रौन हेतु) एवं विकास खण्ड लहार अंतर्गत विपणन सहकारी संस्था लहार, वृहत्ताकार सहकारी संस्था आलमपुर, सेवा सहकारी संस्था महुआ व सेवा सहकारी संस्था वैशपुरा में पंजीयन केन्द्र बनाए गए हैं। कृषकों के पंजीयन शासकीय कार्य दिवसों में 15 सितंबर से 14 अक्टूबर तक सुबह सात बजे से रात्रि नौ बजे तक किए जाएंगे।
कृषकों को अधिक सशक्त तथा पंजीयन कराने के लिए संस्थाओं अथवा डाटाएंट्री ऑपरेटर पर निर्भरता समाप्त करने के उद्देश्य से कृषकों के पास पंजीयन कराने के लिए निम्न विकल्प उपलब्ध रहेंगे। जिनमें एमपी किसान एप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाएं, पंजीयन केन्द्र लॉगिन पर भू-स्वामी, सिकमी कृषक एवं वन पट्टाधारी का पंजीयन किया जा सकेगा। आशय यह है कि सिकमी कृषक एवं वन पट्टाधारी का पंजीयन मात्र पंजीयन केन्द्र पर ही हो सकेगा। सिकमी पंजीयन में पंजीयन कराने वाले कृषक द्वारा संबंधित तहसीलदार को मप्र भू-स्वामी एवं बटाईदार के हितों का संरक्षण विधेयक 2016 के प्रावधान अनुसार उपलब्ध करानी होगी। पंजीयन के समय सिकमी/ बटाईदार के साथ मूल भू-स्वामी के आधार नंबर की जानकारी भी ली जाएगी।
विगत खरीफ एवं रबी विपणन मौसम में जिन किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न विक्रय करने हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया था। ऐसे किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। किसान के विगत वर्ष के पंजीयन में उल्लेखित आधार नम्बर, बैंक खाता, मोबाइल नंबर में किसी प्रकार के परिवर्तन एवं संशोधन होने की आवश्यकता होने पर संबंधित दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पंजीयन केन्द्र पर लाना होगे। वनधिकार पट्टाधारी/ सिकमीदार किसानों को वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराना होगी। जिन किसानों द्वारा विगत रबी एवं खरीफ में पंजीयन नहीं कराया गया था एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर उनका डाटावेज उपलब्ध नहीं है। ऐसे किसानों को पंजीयन हेतु आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति, समग्र आईडी, मोबाईल नंबर की जानकारी पंजीयन केन्द्र पर उपलब्ध कराना होगी। जिसमें समग्र आईडी किसान का किसान पंजीयन यूनिक आईडी होगी। किसान का भूमि का रकबा, फसल एवं फसल की किस्म की जानकारी गिरदावरी से ली जाएगी। गिरदावरी में उल्लेखित भूमि में रकवे एवं फसल से सहमत होने पर ही पंजीयन किया जा सकेगा। सिकमी/ बटाईदार आवेदनकर्ता का उपार्जन हेतु अधिकतम अनुवंधित कुल रकबा पांच हेक्टेयर से अधिक नही होगा एवं खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में किसान पंजीयन में 15 अगस्त तक कराए गए सिकमी बटाईदार अनुबंध मान्य होंगे।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने उपायुक्त सहकारिता व महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड की ओर भेजकर कहा है कि उपरोक्त संस्था के समिति प्रबंधक एवं डाटाएंट्री ऑपरेटर से संबंधित दस्तावेज जैसे समिति प्रबंधक का आधार नंबर, मोबाइल नंबर, समिति का बैंक खाता, समिति का पेन कार्ड, प्रबंधक की ईमेल आईडी तथा डाटाएंट्री ऑपरेटर का आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता पासबुक की छायाप्रति, कम्प्यूटर डिप्लोमा, ई-मेल आईडी आदि के साथ जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय में पंजीयन केन्द्र की स्थापना हेतु आप अपने प्रतिनिधि को नियुक्त कर समिति प्रबंधक व उनके डाटाएंट्री ऑपरेटर के साथ उपस्थित होकर इनका डाटा ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑनलाइन कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि पूर्व के वर्षों की किसी अपात्र संस्था के केन्द्र प्रभारी एवं ऑपरेटर को किसी अन्य संस्था में पंजीयन कार्य हेतु नहीं रखा जाए तथा विगत वर्षों में पंजीयन में एवं बैंक खाता दर्ज करने में अत्याधिक त्रुटि करने वाले ऑपरेटर की सेवाएं भी न ली जाएं।