दुर्घटना के बहाने व्यापारी को रोक कर लूटे 14.48 लाख

ग्रामीणों के सहयोग से स्कार्पियो वाहन छोड़ भागे बदमाश
ड्रोन कैमरे की मदद से सर्चिंग जारी

भिण्ड, 18 जनवरी। गोहद नगर में धमसा रोड पर विद्युत विभाग कार्यालय के प्रथम गेट के सामने गल्ला व्यापारी राकेश सिंघल से कट्टे की नोक पर 14 लाख 48 हजार 500 रुपए लूट लिए और स्कार्पियो क्र. डी.एल.03 सी.आर.1400 में सवार होकर धमसा की ओर भागे, तुरंत 100 नंबर पर सूचना दी तो 100 नंबर वाहन भी उसी दिशा में दौड़ पड़ा। यहां रास्ते में स्थित गांव वालों को भी खबर की, जिससे रास्ते में बदमाशों को रोकने के लिए अवरोध खड़े किए, इसके बाद श्यामपुरा मोड़ पर स्कार्पियो वाहन पंचर हो गया तो बदमाश वाहन में खाली बेग छोड़कर खेतों में समा गए। यहां पुलिस फोर्स की कमी से सर्चिंग में देरी के कारण बदमाशों को काफी समय मिल गया। इसके बाद ड्रोन कैमरे की मदद से सर्चिंग की गई।

घटना के बाद व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त है। व्यापारी कई वर्षों से असुरक्षा के माहौल में व्यापार कर रहे है। उनकी मांग थी कि मण्डी में पुलिस चौकी, राष्ट्रीय बैंक की शाखा खोली जाए। लेकिन प्रशासन इस दिशा में एक कदम भी नहीं चला है, अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो हम व्यापारी मण्डी में करोबार बंद कर अनिश्चित कालीन बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
गोहद कृषि उपज मण्डी में गल्ला व्यापारी राकेश सिंघल स्कूटी पर सवार होकर बेग में 14 लाख 48 हजार 500 रुपए रखकर बाबा कपूर की गली से रवाना हुए और 12.15 बजे कृषि उपज मण्डी से 100 मीटर पहले दो व्यक्तियों ने हाथ देकर रोका और कहा कि तुम्हारी गाड़ी ने कल एक्सीडेंट किया है, जिसमें मेरी घायल होकर अस्पताल में भर्ती है, तुम देखने भी नहीं आए। इस पर राकेश सिंघल ने कहा कि मेरी गाड़ी मेरे अलावा कोई नहीं ले जाता, जो भी बात है मण्डी में चलकर कर लेते हैं। इसी बीच मण्डी कर्मचारी भूपेन्द्र एवं व्यापारी कुलदीप गुप्ता आ गए, तो राकेश ने रुपयों से भरा बैग कुलदीप को दे दिया, तभी एक बदमाश ने कुलदीप में तमाचा मारकर कट्टा निकाला तो कुलदीप ने बेग राकेश को वापस कर दिया, फिर बदमाश ने राकेश को कट्टा दिखाया और बेग छीनकर भाग गए।

अगर बेग न देते तो होती जनहानि

ठीक इसी तरह की घटना संजीव गुप्ता के साथ हुई, जिस्म उन्होंने 22 लाख का बैग नहीं छोड़ा और अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अगर राकेश सिंघल भी कहीं रुपयों को लेकर मशक्कत करते तो जनहानि का अंदेशा था।

फोर्स की कमी ने दिया भागने का मौका

जब बदमाश खेतों में भाग गए तो पुलिस में फोर्स के नाम पर आठ दश जवान थे, जबकि क्षेत्र काफी बड़ा था। ऐसे में बदमाशों को भागने का मौका मिला, बाद में ड्रोन का सहयोग लिया गया।