व्यक्ति अपनी भूल व अज्ञानता के कारण भटकता रहता है : विमर्श सागर

महावीर गंज चौराहे पर हुई मुनिश्री की धर्मसभा

भिण्ड, 07 दिसम्बर। हर मनुष्य अपने जीवन में उन्नति के द्वार खोलना चाहता है, वह चाहे शैक्षणिक क्षेत्र हो, पारिवारिक, सामाजिक, व्याकपारिक क्षेत्र हो, हर क्षेत्र में व्यक्ति उन्नति चाहता है, किंतु मात्र चाहने से उन्नति नहीं मिल जाती। उन्नति के लिए हमें अपने अंदर उत्साह को पैदा करना होगा। जीवंत व्यक्ति की यही पहचान है कि वह उत्साह को बरकरार रखते हुए कुछ अपने जीवन में कर गुजर जाए। यह उद्गार आचार्य श्री विमर्श सागर महाराज ने भिण्ड शहर के महावीर गंज चौराहे पर विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
आचार्य श्री विमर्श सागर महारा ने कहा कि आज का आदमी निराशा में डूबा है, वह अपने को खुशनुमा माहौल में शामिल होने के योग्य नहीं समझ पाता। निराशा मनुष्य के जीवन में वह अभिशाप है, जो व्यक्ति को जीते-जी मुर्दा बना देती है। इसीलिए मैं कहता हूं कि अपने जीवन में लक्ष्य बनाना सरल है, किंतु अपने लक्ष्य को बरकरार बनाए रखना बहुत कठिन है। लक्ष्य को बरकरार बनाए रखने के लिए जरूरत है अपने लक्ष्य के प्रति उत्साह एवं समर्पण भाव की। मनुष्य के जीवन में जब धर्म की अनुभूति होती है तो अंदर से उत्साह की लहर उठती है और वही लहर व्यक्ति को उन्नति के शिखर तक ले जाती है। धर्म वह वस्तु है जिसे स्वीकार करने से मनुष्य अपने वर्तमान जीवन में भी अपने मनोनुकूल साधन प्राप्त करता है और निश्चित ही वह भविष्य में भी उन्नति के सोपानों को स्पर्श करता है।
आचार्यश्री ने कहा कि जिस लक्ष्य की दिशा में आप आगे बढ़ रहे हैं, उस दिशा में आपको प्राप्त होने वाली छोटी सी सफलता में आप स्वयं को धन्यवाद दें, स्वयं को आप प्रोत्साहित करें तो निश्चित ही आपका उत्साह दोगुना हो जाएगा और आप अपने लक्ष्य की दिशा में द्रुतगति से बढ़ते चले जाएंगे, फिर आपको सफलता का इंतजार नहीं करना होगा,अपितु सफलता स्वयं आपका इंतजार करेगी।

गोहद में हुआ आर्यिका संघ का भव्य मंगल प्रवेश, जगह-जगह हुआ पाद प्रक्षालन

गोहद नगर में आर्यिका संघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। जहां गोहद चौराहा से गोहद नगर में प्रवेश करते समय गोलंबर तिराहा पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग एकत्रित हुए। गोलंबर तिराहे से जगह-जगह पाद प्रक्षालन किया गया। जिसमें पुलिस प्रशासन की भी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त रही। आर्यिका 105 विशुद्धमति माताजी एवं आर्यिका 105 विज्ञमति माताजी का संघ पद बिहार करते हुए गोहद चौराहा से इटायली गेट के चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मन्दिर पहुंचे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में जैन श्रृद्धालु पद बिहार में शामिल हुए।