बाढ़ पीडि़तों को सहायता के नाम पर नेता खिंचवा रहे हैं फोटो : कुशवाह

भारौली को सिंध के पानी ने घेरा, लोग पलायन को मजबूर, नहीं मिल रही प्रशासनिक मदद, जनप्रतिनिधि भी नहीं पहुंचे

भिण्ड, 05 अगस्त। जिला मुख्यालय से 18 किलो मीटर दूर बसे भारौली गांव में सिंध नदी का जल स्तर बढऩे के कारण बाढ़ की स्थिति बन जाने की बजह से गांव के लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। हालात यह हो गए हैं कि ग्रामीणों के मकान धराशायी हो गए, जिस कारण ग्रामीणों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है और लोग खाने पीने के लिए मोहताज हो रहे है। बाबजूद इसके प्रशासन की ओर से भरौली गांव के पीडि़तों की मदद नहीं की जा रही है।
दरअसल मड़ीखेड़ा बांध से सिंध नदी में पानी छोड़े जाने के बाद भिण्ड जिले के उन तमाम गांव में बाढ़ के हालात बन गए जो सिंध नदी के किनारे बसे हुए थे। लेकिन भरौली गांव बिल्कुल सिंध नदी से सटा होने के कारण यहां एक दम से जलस्तर बढऩे के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है, जिस कारण यहां के रहवासियों को घरों से सामान उठाने तक का मौका ही नहीं मिल पाया। इतना सब हो जाने के बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा यहां के ग्रामीणों की खाने पीने सहित तमाम जरूरत की चीजों की मदद नहीं हो सकी।
सूचना मिलते ही गुरुवार को नागरिकों की सूचना पर स्थानीय नेता और कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष रामहर्ष सिंह कुशवाह भरौली गांव पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से बैठकर सुनते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से मदद की मांग की। उन्होंने जिला प्रशासन और मेहगांव क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी विपत्ति के समय में भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मदद तो कुछ की नहीं जा रही, बल्कि यहां फोटो खिंचाकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बाढ़ पीडि़तों को मुआबजा दिलाए जाने की मांग की है।

इनका कहना है-

सिंध नदी में आई बाढ़ के कारण भारौली गांव के हालात खराब हो गए हैं, लोग परेशान हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इस वजह से लोग गांव छोडऩे को मजबूर हो रहे हैं।
राजकुमार सिंह राजावत, स्थानीय निवासी भरौली
भारौली गांव को सिंध के पानी ने घेर लिया है। लोग पलायन को मजबूर है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन से भी कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा है।
रामहर्ष सिंह कुशवाह, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष, भिण्ड