राहुल गांधी की आवाज कांग्रेस की आवाज है, न झुकेंगे न रुकेंगे : डॉ. गोविन्द सिंह

ईडी की कार्रवाई पूरी तरह असंवैधानिक

भिण्ड, 15 जून। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से परेशानी इसलिए है कि उन्होंने किसानों, नौजवानों, मजदूरों की आवाज उठाई तथा कोरोना संकट एवं सीमा पर चीन की आक्रमकता को लेकर मोदी सरकार को घेरा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने संवाददाताओं से बात करते हुये कहा कि जब कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं है, तो फिर पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है? यह पूरी कार्रवाई असंवैधानिक और प्रतिशोध की राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने सवाल किया, आखिर भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस ही क्यों? क्या ईडी की कार्रवाई जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का षडयंत्र है? उन्होंने दावा किया कि जब चीन ने हमारे देश की सरजमीं पर जबरन कब्जा किया और हमारे जवान शहीद हुए, तो देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है’। उस समय राहुल गांधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है।
उन्होंने कहा कि महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीजल हो, रसोई गैस हो, खाने-पीने का सामान हो, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में जोरदार आवाज उठाई। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि डूबती अर्थ व्यवस्था और गिरते रुपए को लेकर, एमएसएमई की बदहाली को लेकर, छिनती नौकरियों को लेकर, चौतरफा बेरोजगारी को लेकर, युवाओं के गुस्से को लेकर राहुल गांधी ने लगातार आवाज उठाई। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है। कोरोना में जब सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कदम उठाने के लिए मजबूर किया। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है।
डॉ. सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने देश के अन्नदाता की आवाज उठाई और तीन ‘काले कानूनों’ को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया इसलिए उनसे इस सरकार को परेशानी है। देश में नफरत के माहौल के खिलाफ और भाईचारे व अनेकता में एकता के विचार के लिए एकमात्र आवाज जिसने सरकार की आंख में आंख डालकर कहा कि नफरत से देश का भला नहीं होगा, वह राहुल गांधी हैं। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है। उन्होंंने कहा कि प्रधानमंत्री जी कभी निजी कंपनियों के नुमाइंदे बन फ्रांस में राफेल का ठेका दिलवाते हैं, तो कभी निजी कंपनी को श्रीलंका में बिजली का ठेका देने का दबाव डालते हैं। राहुल गांधी ने मुट्ठीभर उद्योगपतियों और मोदी सरकार के इस गठजोड़ को बेनकाब किया। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है। उन्होंने कहा कि देशवासियों इस क्रोनोलॉजी को समझिए। मोदी सरकार ने बौखला कर इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट (ईडी) के पीछे छिपकर सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है। ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज पर है जो जनता के सवालों को सरकार के सामने दृढ़ता से रखती है, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त होकर उठा रही है। यह हमला जनता के मुद्दों पर है। यह हमला बेरोजगारों, गरीबों, छोटे दुकानदारों व व्यापारियों, मध्यम वर्ग व नौकरीपेशा, महिलाओं, दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों के अधिकारों व संविधान से जुड़े सवालों पर है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि राहुल गांधी न डरेंगे, न झुकेंगे, न दबेंगे, देश के लिए लड़ते रहेंगे। आज देश को संघ और भाजपा की हिटलरशाही से मुक्त कराने कांग्रेस की नीतियों को अपनाना होगा। उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यालय पर गांधीवादी लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं पर बर्बर पुलिस ने निरंकुश हमलों की कठोर शब्दों में निंदा की और कहा कि संघ भाजपा लोकतांत्रिक देश पर तानाशाही थोपना चाहते हैं।