बच्चोंं ने शास्त्रों को सिर पर रखकर किया नगर भ्रमण

श्रुत पंचमी पर निकली प्रभात फेरी

भिण्ड, 04 जून। श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन किला गेट मन्दिर में चल रहे विराग विशुद्ध शिक्षण शिविर में बच्चों को जैन दर्शन से संबंधित धर्म ज्ञान शिक्षण शिविर के माध्य म से कराया जा रहा है। जिसमें शनिवार को श्रुत पंचमी के अवसर पर सुबह प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें बच्चों ने अपने सिर पर शास्त्रों को रखकर नगर का भ्रमण किया एवं आदिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर में श्रुत ज्ञानवर्धक विधान एवं कीर्तिस्तंभ सम्यकज्ञान जैन मन्दिर में पूजन विधान बड़े भक्ति भाव के साथ किया गया एवं शाम की सभा में जगह-जगह जिनवाणी सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन चन्द्र प्रभु दिगंबर जैन मन्दिर किले के पास किया गया।
जानकारी देते हुए मनोज जैन ने बताया कि जैन धर्म में जेठ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी ज्ञान पंचमी का पर्व माना जाता है, इस दिन भगवान महावीर के दर्शन को पहली बार लिखित ग्रंथ के रूप में प्रस्तुत किया गया था। पहले भगवान महावीर केवल उपदेश देते थे और उनके प्रमुख शिष्य गणधर उसे सभी को समझाते थे, क्योंकि तब महावीर की वाणी को लिखने की परम्परा नहीं थी। उसे सुनकर ही स्मारण किया जाता था, इसलिए उसका नाम श्रुत था। जैन समाज में इस दिन का विशेष महत्व है, इसी दिन पहली बार जैन धर्म ग्रंथ लिखा गया था। भगवान महावीर ने जो ज्ञान दिया उसे श्रुत परंपरा के अंतर्गत अनेक आचार्यों ने जीवित रखा। गुजरात के गिरनार पर्वत की चन्द्रगुफा में धरसेनाचार्य पुष्प दंत एवं भूतबलि मुनियों को सैद्धांतिक देशना दी, जिसे सुनने के बाद मुनियों ने ग्रंथ रच कर ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी को प्रस्तुत किया।