चाइल्ड एब्यूज रोकने के लिए जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 16 मई। महिला बाल विकास समिति भिण्ड द्वारा (ऑल इंडिया एनजीओ एसोसिएशन) के सहयोग से चाइल्ड एब्यूज रोकने के लिए जागरुकता शिविर का आयोजन ओझा नगर अटेर रोड भिण्ड में किया गया।
इस अवसर आयना के कॉर्डिनेटर नीलकमल सिंह भदौरिया ने बच्चों को चाइल्ड एब्यूज मामले से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगातार चाइल्ड एब्यूज यानी बच्चों के शारीरिक मानसिक या फिर यौन शोषण के मामले बढ़ते जा रहे हैं अक्सर पेरेंट्स बच्चों की परेशानियां समझ नहीं पाते हैं या फिर बच्चे घर में या फिर बाहर किसी एडल्ट द्वारा एब्यूज किए जाते हैं तो बच्चे अक्सर डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि चाइल्ड एब्यूज के अधिकांश मामलों में कोई ना कोई परिचित या रिश्तेदार या जान पहचान वाला व्यक्ति ही शामिल होता है। चाइल्ड एब्यूज करने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं होती, ऐसा व्यक्ति किसी बड़े पर अपना जोर नहीं चला सकता, इसलिए छोटे बच्चों को एब्यूज करके खुशी पाने की कोशिश करता है बच्चे इस तरह लोगों से सॉफ्ट टारगेट होते हैं।
कार्यक्रम के दौरान बरुआ कोचिंग संचालक सचिन बरुआ ने चाइल्ड एब्यूज के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर किसी छोटे बच्चे के साथ कोई बड़ा व्यक्ति मारपीट मानसिक रूप से परेशान या फिर यौन उत्पीडऩ करता है तो उसे चाइल्ड एब्यूज की केटागिरी में रखा जाता है या अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता पहले खुद समझें चाइल्ड एब्यूज क्या है, यह सामान्य चुहल या फिर हंसी भर नहीं है, हम जाने-अनजाने में इसे हल्के में ले लेते हैं, जबकि किसी भी प्रकार का शोषण बच्चों के शारीरिक मानसिक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर बुरी तरह से असर डालता है। चाइल्ड एब्यूज की पहचान की जा सकती है।
इसीक्रम में अजब सिंह ने बताया कि कैसे चाइल्ड एब्यूज की पहचान कि जा सकती है और इसे रोका भी जा सकता है साथ यह भी समझना होगा कि यह कितनी तरह का होता है, इसमें किस प्रकार का व्यवहार बच्चों के साथ शामिल है। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को चाइल्ड एब्यूज पेंपलेट और स्वलपाहार वितरण किया गया।