गौरी ने लगाई गौरी सरोवर में छलांग

छोटे-छोटे बालक-बालिकाओं ने गौरी सरोवर में लिया प्रशिक्षण

भिण्ड, 07 मई। किशोरी स्पोट्र्स क्लब के तत्वावधान में कयाकिंग कैनोइंग तथा वाटर स्पोट्र्स प्रशिक्षण के दूसरे चरण में बच्चों ने स्विमिंग पूल से निकल कर के गौरी सरोवर में प्रशिक्षक तथा लाइफ गार्डों की देखरेख में लिया प्रशिक्षण। 20 अप्रैल से प्रारंभ हुए इस शिविर में ऐसे बालक बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन्हें आगे चलकर के गौरी सरोवर में कयाकिंग कैनोइंग एवं ड्रैगनबोर्ड के खिलाडिय़ों के रूप में तैयार किया जाएगा, इसके अलावा ऐसे बालक-बालिकाएं भविष्य में किसी भी वाटर स्पोट्र्स की गतिविधियों में भाग ले सकते है। जहां प्रथम 15 दिनों में पानी में तैरना और पानी के स्वाभाव और लाइफ जैकेट के सहित किस प्रकार से खुद का बचाव किया जा सकता है, यह सभी बातें प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव द्वारा बताई गईं और प्रैक्टिकल रूप में सिखाई गईं।


इसी के अभ्यास के लिए सुरक्षित तरीके से लाइफ जैकेट का उपयोग करते हुए चार वर्ष की अवस्था से लेकर के 20 वर्ष की अवस्था तक के बालक बालिकाओं ने गौरी सरोवर में बिना भयभीत हुए ड्रैगन वोट भी चलाई और गौरी सरोवर में लाइफ जैकेट सहित खुद को बचाने के उपाय सीखें। इस दौरान वैष्णवी मुदगल, वैष्णवी शर्मा, नियति जैन, तृप्ति राजावत, आयुषी शर्मा, नेहा यादव, रिद्धि यादव, गौरी शर्मा, गौरी भदौरिया, श्रुति यादव सहित कई बालक-बालिकाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया। इस दौरान एक नन्ही बालिका आस्था गुप्ता और एक नन्हे बालक संस्कार भदौरिया ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस प्रशिक्षण के दौरान निश्चल यादव, अनिल मांझी, विजय यादव, श्रेया यादव के साथ-साथ पीयूष राजपूत, अमन सिंह, अंकित सिंह, शेखर दुबे, अंकुश यादव, आनंद यादव, अनुराग और सौरव लाइफगार्ड के रूप में बच्चों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध रहे। इस अवसर पर दानवीर दीक्षित, राहुल यादव, भूरे यादव, राजपाल सिंह, अमित सिरोठिया सहित बच्चों के माता-पिता भी उपस्थित थे। इस प्रकार का प्रशिक्षण इतनी कम उम्र के बालक बालिकाओं को पहली बार दिया गया।
प्रशिक्षक राधेगोपाल यादव ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तभी संभव हो सका, जब भिण्ड जिलाधीश द्वारा नगर पालिका की ओर से बच्चों की सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट कयाकिंग कैनोइंग एसोसिएशन को उपलब्ध कराई गईं। आज उन्हीं बालक-बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया जिनके माता-पिता के द्वारा विधिवत अनुमति दी गई थी। यहां लगभग 40 बच्चे थे, सभी बच्चों ने प्रशिक्षण के दौरान बहुत आनंद का अनुभव प्राप्त किया।